
लोकसभा चुनाव प्रचार में नेताओं की बदजुबानी को लेकर चुनाव आयोग ने सख्त रवैया अपनाते हुए सपा-बसपा और भाजपा के नेताओं पर कार्रवाई की है। बसपा सुप्रीमों मायावती पर चुनाव आयोग के 48 घंटे के प्रतिबंध के बाद आज सुप्रीम कोर्ट से भी बड़ा झटका लगा। मायावती ने चुनाव आयोग द्वारा लगाए गए प्रतिबंध हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। वकील दुष्यंत दवे ने कहा की चुनाव आयोग ने मायावती को अपना पक्ष रखने का मौका दिए बिना ही एकतरफा कार्रवाई करते हुए उनके चुनाव प्रचार पर 48 घंटे की रोक लगा दी है। इस आदेश को रद्द किया जाना चाहिए। इस पर सीजेआई ने कहा हमे नहीं लगता कि इसमे कोई आदेश दिया जाना चाहिए।
यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मायावती की मांग खारिज की। वहीं उम्मीदवारों द्वारा जाति/धर्म के नाम पर वोट मांगने का मामले में चुनाव आयोग ने बताया कि हमने ऐसे नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की है। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, 'लगता है चुनाव आयोग को उसका अधिकार वापस मिल गया है।' इसके बाद कोर्ट ने कहा- आज हम कोई आदेश नहीं पारित कर रहे हैं। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से जाति और धर्म को लेकर नेता विवादित भाषण देते आ रहे हैं। उनके भाषणों में अली और बजरंग बली का नाम लेकर भी विवादित टिप्पणियां सुनी जा रही थी। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद ही चुनाव आयोग ने 4 बड़े नेताओं पर बड़ी कार्रवाई की है। चुनाव आयोग ने आजम खान, मेनका गांधी, मायावती और योगी आदित्यनाथ के चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी है। आयोग ने योगी और आजम खान पर 72 घंटे जबकि मेनका गांधी और मायावती पर 48 घंटे के लिए रोक लगाई है।