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 सहकारिता हमारी संस्कृति की आत्मा: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर

 सहकारिता हमारी संस्कृति की आत्मा: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर

नई दिल्ली । केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के सहकार कॉपट्यूब चैनल का शुभारम्भ किया। एनसीडीसी ने वनस्टॉप चैनल के रूप में अपना यह चैनल शुरू किया है,जो शुरुआत में हिंदी और 18 राज्यों की क्षेत्रीय भाषाओं में रहेगा। मंत्री तोमर ने राज्यों के लिए ‘सहकारी समितियों के गठन और पंजीकरण’ से संबंधित मार्गदर्शक वीडियो भी जारी किए। सहकारिता हमारी संस्कृति की आत्मा है। उन्होंने कहा कि नए चैनल जैसी पहल से इस दिशा में जागरूकता बढ़ेगी। सहकारिता के माध्यम से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ सकेंगे। तोमर ने कहा कि जिस तरह परिवार में सभी लोग एक साथ रहते हुए किसी उद्देश्य के लिए काम करते हैं तो उसमें सफलता निश्चित रूप से मिलती है, उसी तरह सहकारिता के माध्यम से समूह में काम करने से निश्चित ही प्रगति होती है। तोमर ने कहा कि उसने एपेक्स सांविधिक संस्था के रूप में अभी तक सहकारी संस्थाओं को 1,54,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी है और कुल संवितरण का 83 प्रतिशत (98 हजार करोड़ रुपये) अकेले पिछले 6 वर्षों में ही किया है। सहकारिता क्षेत्र मुख्य रूप से कृषि से जुड़ा हुआ है, जो इस चैनल के माध्यम से और आगे बढ़ सकेगा।
तोमर ने उम्मीद जताई कि नए चैनल पर सहकारिता को लेकर जागरूकता का प्रसार होगा और सहकारी समितियों के गठन के साथ ही नए प्रोजेक्ट बनाने आदि के बारे में भी मार्गदर्शन मिलेगा। चैनल पर पूरी प्रक्रिया बताए जाने से कोई धोखाधड़ी नहीं कर सकेगा। ज्यादा से ज्यादा युवा सहकारिता से जुड़ेंगे तो रोजगार का सृजन होगा और इसका लाभ कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मिलेगा। तकनीक के उपयोग से समय व श्रम दोनों की बचत होगी। युवाओं का खेती की तरफ आकर्षण बढ़ेगा, पढ़े-लिखे युवा खेती-किसानी से जुड़ेंगे तो कृषि क्षेत्र के साथ ही देश की भी तरक्की होगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जोर कृषि क्षेत्र के साथ ही सहकारिता को भी बढ़ावा देने पर है। प्रधानमंत्री द्वारा घोषित दस हजार नए एफपीओ की योजना से भी सहकारिता को बल मिलेगा। भारत सरकार की अनेक योजनाएं हैं, जो कृषि क्षेत्र को बल देने वाली हैं। इस क्षेत्र में व्यापक सुधार हो रहे हैं। इनका उद्देश्य कृषि, बागवानी एवं सम्बद्ध क्षेत्र तथा कृषि बुनियादी ढांचे के विकास, लघु- खाद्य उद्यमों, मूल्य श्रृंखलाओं व मत्स्य पालन एवं पशु पालन, औषधीय व हर्बल पौधों, मधुमक्खी पालन तथा ऑपरेशन ग्रीन के विभिन्न अंगों में विविध प्रकार के सुधार एवं उपाय तथा विभिन्न गतिविधियों एवं सेवाओं को मजबूत बनाना है। केन्द्र सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड सहित अन्य सम्बद्ध क्षेत्रों के लिए भी पैकेज घोषित किए हैं, जिनके माध्यम से आत्मनिर्भर भारत को आकार दिया जाना है। ये सब जमीन पर उतरे और एफपीओ की भूमिका सार्थक हो, किसानों की आय बढ़े, उत्पादन व उत्पादकता बढ़े, किसान ही प्रोसेसिंग, लेबलिंग व पैकिंग कर स्वयं अपनी उपज बेच सकें तो निश्चित रूप से उन्हें उचित मूल्य मिलेगा और आय बढ़ेगी। इस दृष्टि से पैकेज बहुत महत्वपूर्ण है, नए चैनल से भी इस दिशा में फायदा होगा।
यू-ट्यूब प्लेटफार्म पर चलने वाले, सहकार कॉपट्यूब चैनल की शुरुआत उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़,झारखंड, हरियाणा, हिमाचल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, ओडिशा, मिजोरम, त्रिपुरा, केरल, गुजरात, पंजाब एवं कर्नाटक के मार्गदर्शक वीडियो के साथ की गई है। एनसीडीसी के इन-हॉउस डिजाइन स्टूडियो ने विभिन्न राज्यों के लिए विविध भाषाओं में ये वीडियो तैयार किए हैं। कार्यक्रम में एनसीडीसी के एमडी संदीप कुमार नायक ने प्रारंभिक उद्बोधन दिया।
 

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