
दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच संभावित गठबंधन एक अबूझ पहेली बन गई है। गठबंधन को लेकर दोनों पार्टियों के बीच हां-ना, हां-ना के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आप के सामने खुली पेशकश की है। 7 लोकसभा सीटों वाली दिल्ली में आप के लिए 4 सीटों की पेशकश करते हुए राहुल ने कहा है कि अब बारी आप की है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुलु गांधी ने केजरीवाल पर यू-टर्न लेने का भी आरोप लगाया है। इसके जवाब में केजरीवाल ने राहुल पर भाजपा की मदद करने का आरोप लगाया।मोदी और शाह को रोकने के लिए हर कुर्बानी के लिए तैयार होने संबंधी अरविंद केजरीवाल के बयान के एक दिन बाद राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि गठबंधन के लिए दरवाजे अब भी खुले हैं। गांधी ने ट्वीट किया दिल्ली में कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन का मतलब है भाजपा की जबरदस्त हार। कांग्रेस इसे सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली में आप को 4 सीट देना चाह रही है। केजरीवाल ने एक और यू-टर्न ले लिया! हमारे दरवाजे अभी भी खुले हैं, लेकिन समय बीता जा रहा है। राहुल ने ट्वीट के साथ 'अब आप की बारी' हैशटैग भी लगाया है। भाजपा को रोकने के लिए दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की लंबे वक्त से अटकलें चल रही हैं। आम आदमी पार्टी गठबंधन के लिए कांग्रेस से पंजाब और हरियाणा में भी कुछ सीटें मांग रही है।
एक समय तो दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन लगभग तय था, बस ऐलान होने की देरी थी। लेकिन पेच फंस गया। राहुल गांधी के ट्वीट से भी स्पष्ट है कि दोनों दलों में सीट शेयरिंग पर संभवतः सहमति हो गई थी लेकिन अरविंद केजरीवाल ने बाद में 'यू-टर्न' ले लिया। खुद पर यू-टर्न लेने के राहुल गांधी के आरोपों पर अरविंद केजरीवाल ने भी पलटवार किया है। केजरीवाल ने तो कांग्रेस पर यूपी और अन्य राज्यों में बीजेपी की मदद करने का आरोप लगा दिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि गठबंधन की राहुल की इच्छा महज दिखावा है।
केजरीवाल के ट्वीट के बाद कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको ने कहा कि आप दिल्ली से बाहर 18 सीटों पर गठबंधन चाहती है। उन्होंने कहा कि पहले दिल्ली पर तो बात हो जाए। चाको ने दो टूक कहा कि एक राज्य में गठबंधन के फॉर्म्युले को दूसरे राज्य में लागू नहीं किया जा सकता। बता दें कि दिल्ली में छठे चरण में 12 मई को वोटिंग है। इसके लिए 16 अप्रैल से नामांकन शुरू हो जाएगा। 23 अप्रैल नामांकन की आखिरी तारीख है। आप-कांग्रेस के संभावित गठबंधन की वजह से भाजपा ने भी दिल्ली में अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया है।