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चीन-पाकिस्‍तान को करारा झटका, यूएनओ में कश्‍मीर पर फिर नहीं हुई चर्चा

चीन-पाकिस्‍तान को करारा झटका, यूएनओ में कश्‍मीर पर फिर नहीं हुई चर्चा

जिनेवा । कश्मीर पर पाकिस्तान के दुर्भावनापूर्ण रवैये की मंशा को मित्र देश चीन की मदद के बावजूद भी संयुक्‍त राष्‍ट्र में उठाने के मामले में एक बार फिर करारा झटका लगा है। संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्‍यों ने जम्‍मू-कश्‍मीर के मुद्दे पर अनौपचारिक सत्र में चर्चा की। सूत्रों ने बताया कि इस बंद कमरे में हुई बैठक का कोई रेकॉर्ड नहीं रखा गया और न ही कोई बयान जारी किया गया। इससे पहले भी दो बार पाकिस्‍तान के कश्‍मीर के मुद्दे को उठाने पर यही हुआ था। 
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्‍तान कश्‍मीर पर अपने मंसूबों में पूरी तरह से फेल रहा। संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारत के स्‍थायी प्रतिनिधि राजदूत त्रिमूर्ति ने एक ट्वीट करके कहा, 'पाकिस्‍तान का एक और प्रयास विफल रहा। संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की आज की बैठक बंद कमरे में हुई थी, अनौपचारिक थी, इसका कोई रेकॉर्ड नहीं रखा गया और यह इसका कोई परिणाम नहीं निकला। लगभग सभी देशों ने माना कि जम्‍मू-कश्‍मीर एक द्विपक्षीय मसला है और सुरक्षा परिषद के समय और ध्‍यान का हकदार नहीं है।'
दरअसल, यह सत्र 'एन अदर बिजनेस' श्रेणी के तहत हुआ था। संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के पांचों देशों के बीच इस बात को लेकर सहमति है कि वे किसी ऐसे मुद्दे को यहां पर आने से नहीं रोकेंगे। यहां तक चीन जो संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद का स्‍थायी सदस्‍य है लेकिन वह हॉन्‍ग कॉन्‍ग पर मई महीने में हुई चर्चा को रोक नहीं पाया था। बताया जा रहा है कि पाकिस्‍तान ने यह बैठक चीन के मदद से कराई थी लेकिन उसका कोई परिणाम नहीं निकला। इस बेनतीजा बैठक से पाकिस्‍तान के प्रयासों को एक और करारा झटका लगा है। बताया जा रहा है कि पाकिस्‍तान के लिए शर्मिंदगी की बात यह रही कि अमेरिका ने बेनतीजा बैठक पर जोर दिया जिस पर चीन ने भी अपनी सहमति जता दी। यही नहीं सुरक्षा परिषद के अन्‍य सदस्‍य देशों ने भी माना कि कश्‍मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इसका समाधान भारत और पाकिस्‍तान के बीच सीधे संवाद के जरिए होना चाहिए। 
 

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