
वॉशिंगटन । वैश्विक महामारी कोविड19 के संकट से बेहाल अमेरिका जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी से 1 अरब डॉलर में कोविड-19 की संभावित वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक खरीदेगा। माना जा रहा है कि डेढ़ लाख अमेरिकी लोगों की जान ले चुके कोरोना वायरस से निपटने के लिए ट्रंप प्रशासन ने वैक्सीन और दवा जमा करने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। बताया जा रहा है कि इस वैक्सीन के एक खुराक की कीमत करीब 10 डॉलर पड़ रही है।
इससे पहले मार्च महीने में अमेरिका ने जॉनसन एंड जॉनसन को 45 करोड़ 60 लाख डॉलर दिए थे। इसके अलावा अमेरिका फाइजर और जर्मनी बॉयोटेक कंपनी से भी 19.50 डॉलर प्रति डोज की दर से वैक्सीन खरीद रहा है। उधर, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से विकसित वैक्सीन के 3 से 4 डॉलर प्रति खुराक रहने की संभावना जताई जा रही है। अमेरिका के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अगर जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन को वैक्सीन लगाए जाने के अभियान में शामिल किया जाता है तो यह फ्री भी हो सकती है।
अमेरिका सरकार 20 करोड़ अतिरिक्त वैक्सीन का आर्डर दे सकती है। जॉनसन एंड जॉनसन ने आशा जताई कि अगर उसका ट्रायल सफल रहा तो वह वर्ष 2021 में कोरोना वायरस वैक्सीन की एक अरब खुराक बना लेगी। कंपनी ने कहा कि वह अमेरिका और दुनियाभर में अपनी वैक्सीन निर्माण क्षमता को और ज्यादा बढ़ा रही है। ज्ञात हो कि कोरोना वायरस के कहर से जूझ रही दुनिया को वैक्सीन का इंतजार है।
विश्वभर में कई कंपनियां वैक्सीन बनाने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं। इस प्रयास में सफलता मिलती भी दिख रही है और तीन कंपनियों की वैक्सीन तीसरे चरण में पहुंच गई है। कोरोना की वैक्सीन अभी तैयार नहीं हुई लेकिन दुनियाभर में इसकी करोड़ों खुराक पर कब्जा करने की जैसे होड़ सी मच गई है। दुनियाभर में करीब 150 कोरोना वायरस वैक्सीन पर काम हो रहा है। इनमें से 23 वैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण शुरू हो गया है। इनमें से भी 3 वैक्सीन अपने अंतिम चरण यानि फेज 3 में हैं। इसमें दो कंपनियां चीन की हैं और तीसरी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की है। बताया जा रहा है कि यूरोपीय यूनियन की जॉनसन एंड जॉनसन और सनोफी कंपनी से बातचीत अंतिम चरण में पहुंच गई है।