
नई दिल्ली । दिग्गज टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने बताया कि कोरोना वैक्सीन कब तक बाजार में आ जाएगी। बिल गेट्स ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन अगले साल की शुरुआत में उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा, 'संभव है कि शुरुआत में वैक्सीन सिर्फ अमीर देशों को ही उपलब्ध हो।' साथ ही उन्होंने आशंका जताई कि शुरुआती वैक्सीन वायरस के खिलाफ बहुत ज्यादा प्रभावी नहीं होगी। शुरुआती वैक्सीन लंबी अवधि के लिए आदर्श नहीं होगी। ज्यादा प्रभावी वैक्सीन आने में थोड़ा समय लग सकता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका को इस मामले में वैश्विक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने पूरी दुनिया के हितों के बारे में सोचना चाहिए। माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक ने कहा कि उन्होंने अमेरिकी सांसदों को कम और मध्यम आय वाले देशों को कोविड-19 वैक्सीन खरीदने के लिए 8 अरब डॉलर की सहायता देने को प्रोत्साहित किया है। हमारी कोशिश है कि कोविड-19 सिर्फ अमीर देशों ही नहीं गरीब से गरीब देश में भी पूरी तरह से खत्म हो। बिल गेट्स की संस्था बिल एड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने कोविड-19 से संबंधित शोध के लिए 25 करोड़ डॉलर की मदद दी है। यही नहीं गेट्स एस्ट्राजेनेका, जॉनसन एंड जॉनसन और नोवावैक्स की बनाई कोविड-19 वैक्सीन का वित्तपोषण भी कर रहे हैं। गेट्स ने कहा कि कोरोना वैक्सीन के अलावा कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए तैयार की जा रही दवाइयों से मृत्युदर में लगातार कमी होगी। कोरोना वायरस के परीक्षण में नई-नई पहल, इलाज की खोज और वैक्सीन बनाने की दिशा में दुनिया तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि दुनिया 2021 के आखिर तक वैश्विक महामारी से निजात पा लेगी। उन्होंने कहा कि इसका वास्तविक अंत तब होगा जब हम संक्रमण और वैक्सीन के बीच हर्ड इम्युनिटी हासिल कर लेंगे। मालूम हो कि पूरी दुनिया को कोरोना वायरस के खिलाफ जंग को जीतने के लिए वैक्सीन के तैयार होकर बाजार में उपलब्ध होने का बेसब्री से इंतजार है। ऐसे में दुनियाभर के वैज्ञानिक और शोधकर्ता दिनरात कोरोना वैक्सीन बनाने में जुटे हैं। इस समय कई वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल के अलग-अलग चरण में हैं। इनमें ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोविड-19 वैक्सीन सबसे आगे चल रही है।