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कोझिकोड हवाई अड्डे में थीं कई खामियां, जारी हुआ था नोटिस

कोझिकोड हवाई अड्डे में थीं कई खामियां, जारी हुआ था नोटिस

नई दिल्ली/कोझिकोड । केरल के कोझिकोड में हुए विमान हादसे के बाद अब कई तरह के सवाल उठने लगे है। एयर इंडिया की फ्लाइट एएक्सबी-1344 वंदे भारत मिशन के तहत यात्रियों को दुबई से भारत ला रही थी। भारी बारिश और रनवे पर कई खामियों के चलते 21 लोगों की जान चली गई। हालांकि, मामले की जांच जारी है। हादसे के अगले दिन शनिवार को केंद्रीय विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने घटना स्थल का दौरा किया और मुआवजे का ऐलान किया। दूसरी ओर, राज्य सरकार ने भी मुआवजे का ऐलान किया है। विमान से डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (डीएफडीआर) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) बरामद हुए हैं।
कोझिकोड का एयरपोर्ट पहले भी सुर्खियों में रहा है। इस एयरपोर्ट में कई खामियां पहले भी उजागर हो चुकी है। कई बार डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) को आगाह भी किया जा चुका है। लेकिन, इसके बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। लापरवाही का नतीजा सभी के सामने है। इस बारे में सेफ्टी एडवाइजरी कमेटी (एसएसी) के सदस्य कैप्टन मोहन रंगनाथन ने इस पर सवाल उठाए है। उन्होंने कहा कि करिपुर एयरपोर्ट सुरक्षित नहीं है। यहां लैंडिंग नहीं होनी चाहिए, तब जब बारिश हो रही हो। रंगनाथन ने यह भी कहा कि मैंगलोर क्रैश (2010) के बाद ही मैंने वॉर्निंग दी थी। लेकिन, इस पर सुनवाई नहीं हुई। टोपोग्राफी के हिसाब से रनवे के बाद 240 मीटर का बफर जोन होना चाहिए, पर करिपुर में 90 मीटर ही है। हालांकि, इसे डीजीसीए ने ही अनुमति भी दी थी। इसके अलावा रनवे की साइड में भी 75 मीटर की जगह थी, जबकि इसमें 100 मीटर की अनिवार्यता होती है।
रंगनाथन ने कहा कि मैंने 17 जून, 2011 को कमेटी के चेयरमैन को चि_ी लिखी थी। इसकी कॉपी सिविल एविएशन सेक्रेटरी (सीएएस) और डीजीसीए को भी भेजी थी। इसमें कहा था कि रनवे एंड सेफ्टी एरिया और रनवे के बाद खाली जगह न होने के चलते रनवे 10 को बंद कर दिया जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि 22 मई, 2010 में मैंगलोर एयरपोर्ट पर भी ऐसा ही हादसा हुआ था, जो एक टेबल टॉप एयरपोर्ट है। इस हादसे में 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
डीजीसीए ने कोझिकोड हवाईअड्डे को खामियां पाए जाने पर 11 जुलाई, 2019 को हवाईअड्डा निदेशक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। साथ ही निदेशक को फटकार भी लगाई थी। डीजीसीए ने इस नोटिस में रनवे पर दरारें होने, पानी रुकने और अत्यधिक रबड़ एकत्र होने समेत कई खामियों का जिक्र किया था। डीजीसीए के एक अधिकारी ने कहा कि पिछले साल 2 जुलाई के हादसे के बाद कोझिकोड हवाईअड्डा निदेशक के श्रीनिवास राव को 11 जुलाई को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। हालांकि, इसके बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
 

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