
भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है। उन्होंने मंगलवार को समाजवादी पार्टी की नेता डिम्पल यादव से मुलाकात की और इस मुलाकात के बाद डिम्पल की मौजूदगी में पूनम सिन्हा ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। कई दिनों से पूनम सिन्हा के एसपी में शामिल होने की चर्चा थी।
पूनम सिन्हा के समाजवादी पार्टी में शामिल होने के बाद सपा-बसपा गठबंधन ने उन्हें लखनऊ लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। पूनम सिन्हा भाजपा के कद्दावर नेता राजनाथ सिंह को टक्कर देंगी। पूनम 18 अप्रैल को लखनऊ में नामांकन दाखिल करेंगी। गौरतलब है कि मंगलवार को ही भाजपा उम्मीदवार राजनाथ सिंह ने अपने लाव-लश्कर के साथ अपना नामांकन दाखिल किया है। बता दें कि नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 18 अप्रैल है, जबकि वोटिंग 6 मई को होगी। सपा ने अब तक वहां से अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। यही वजह है कि सबकी निगाहें अब लखनऊ पर टिक गई हैं। नवाबों के इस खूबसूरत शहर पर पिछले 28 साल से भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है और उसमें भी लंबे समय तक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने लोकसभा में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। 1991, 1996,1998,1999 और 2004 के लोकसभा चुनावों में इस सीट से वाजपेयी विजयी रहे थे। 2009 में यहां से लाल जी टंडन जीते और 2014 में राजनाथ सिंह इस सीट से भारी मतों से जीतें. इस बार एक बार फिर राजनाथ सिंह यहां से भाजपा के उम्मीदवार हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो लखनऊ में कायस्थ मतदाताओं की संख्या तीन से साढ़े तीन लाख के आसपास है। इसके अलावा सवा लाख के करीब सिंधी वोटर हैं। इसी वजह से एसपी के कुछ नेताओं ने अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा को लखनऊ से लड़ाने का सुझाव दिया था। वहीं समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रविदास मेहरोत्रा यह घोषणा करते हुए कांग्रेस से अपील की है कि वह लखनऊ से अपना उम्मीदवार ना उतारे ताकि भाजपा को हराया जा सके। पूनम सिन्हा जहां सपा की टिकट पर चुनाव लड़ेगी वहीं शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस के टिकट से पटना साहिब से चुनाव लड़ रहे हैं। गौरतलब है कि वे हाल ही में भाजपा छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं। ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस पूनम को समर्थन दे सकती है।