
नई दिल्ली। ऐप्स के द्वारा लोगों की निजी जानकारी को चुराने संबंधी मामलों की छिड़ी बहस के बीच अमेरिकी सरकार के जासूसी करने का खुलासा हुआ है। दरअसल, स्मार्टफोन्स में मौजूद ऐप्स यूजर्स का ढेर सारा डेटा कलेक्ट करते हैं और ऐसा करना कई बार उनके ढंग से फंक्शन करने के लिए जरूरी होता है। हालांकि, सेंसिटिव डेटा कलेक्शन को लेकर भारत और बाद में अमेरिका जैसे देश भी चाइनीज ऐप्स को प्रतिबंधित करने की योजना बना रहे हैं। अब सामने आया है कि कई स्मार्टफोन ऐप्स की मदद से यूएस सरकार भी यूजर्स की जासूसी कर रही है। चाइनीज गवर्मेंट पर आरोप लगते रहे हैं कि हुवावे, टिकटॉक और वीचैट की मदद से यूजर्स का डेटा चुराया और स्टोर किया जाता है। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी सरकार भी अपने नागरिकों की जासूसी कर रही है और ऐप्स की मदद से उन्हें ट्रैक किया जाता है। रिपोर्ट में सामने आया है कि अमेरिकी सरकार के पास एक कॉन्ट्रैक्टर है जो 500 से ज्यादा मोबाइल ऐप्स में ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर इंबेड करता है।
कॉन्ट्रैक्टर का नाम एनोमली सिक्स एसएससी सामने आया है और वह वर्जीनिया में रहता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह कॉन्ट्रैक्टर मोबाइल ऐप डिवेलपर्स को उनके ऐप में सेल्फ डिवेलप्ड ट्रैकिंग कोड शामिल करने के बदले पेमेंट करता है। इसके बाद कॉन्ट्रैक्टर यूजर्स के डिवाइस के एनॉनिमस डेटा कलेक्ट करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कलेक्ट करने के बाद कॉन्ट्रैक्टर अमेरिकी सरकार को यूजर्स का डेटा बेच देता है। रिपोर्ट में जिस डेटा की बात की गई है, उसकी मदद से पता लगाया जा सकता है कि डिवाइस का यूजर कौन है। उदाहरण के लिए अगर डिवाइस पूरी रात मूव नहीं हुआ और एक ही जगह है तो उस जगह को यूजर का घर माना जा सकता है। डेटा एनालिसिस की मदद से किसी यूजर को ट्रैक किया जा सकता है और उसकी रोजमर्रा की आदतों का पता लगाया जा सकता है। कॉन्ट्रैक्टर ने रिपोर्ट कन्फर्म जरूर की है लेकिन अमेरिकी सरकार से कोई लिंक होने से इनकार किया है।