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साइबर दोस्त से केन्द्र सरकार दे रही चेतावनी, बैकिंग डीटेल्स कभी भी कॉल पर किसी के साथ शेयर ना करे

साइबर दोस्त से केन्द्र सरकार दे रही चेतावनी, बैकिंग डीटेल्स कभी भी कॉल पर किसी के साथ शेयर ना करे

नई दिल्ली । मोबाइल फोन पर आने वाले कॉल्स की मदद से फ्रॉड का तरीका काफी पुराना है।इसी तरीके से अटैकर्स लोगों के अकाउंट खाली करने की कोशिश कर रहे हैं। भारत सरकारी की मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के साइबर सिक्यॉरिटी ट्विटर हैंडल साइबर दोस्त पर यूजर्स को इस बारे में चेतावनी दी गई है। सरकार की ओर से यूजर्स को फेक कॉल्स के बारे में अलर्ट किया जा रहा है,जिनकी मदद से उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। फ्रॉड के मकसद से आने वाले ज्यादातर कॉल्स+92 से शुरू होने वाले नंबरों से आते हैं।इन नंबरों से नॉर्मल वॉइस कॉल्स के अलावा यूजर्स को वॉट्सएप कॉल्स भी किए जा रहे हैं।इसतरह के कॉल्स का मकसद यूजर्स की पर्सनल और सेंसिटिव इन्फॉर्मेशन चोरी करना होता है और कॉल करने वाला विक्टिम को बातों में उलझाकर इसतरह की डीटेल्स चुरा लेता है।
कॉल के दौरान लोगों के बैंक अकाउंट नंबर से लेकर डेबिट कार्ड डीटेल्स तक की जानकारी चुरा ली जाती है। इसके लिए उन्हें लॉटरी जीतने या लकी ड्रॉ में नाम आने जैसे लालच दिए जाते हैं और बदले में बैकिंग डीटेल्स यह कहकर मांगे जाते हैं कि जीती हुई रकम आपको अकाउंट में भेजी जाएगी।फ्रॉड करने वाला किसी बड़ी कंपनी का नाम लेकर अपनी सर्विस असली होने का भरोसा विक्टिम को दिलाता है, जिससे उसं फंसाया जा सके। कई बार कॉलर की ओर से क्यूआर कोड या फिर बार कोड भेजकर उन्हें स्कैन करने के लिए भी कहता है। गलती से भी इसतरह के कोड्स को स्कैन ना करें। स्कैम करने वाले एक से ज्यादा कॉल्स भी अलग-अलग नंबरों से कर सकते हैं। इसके अलावा +01 से शुरू होने वाले नंबरों से भी कई यूजर्स को कॉल्स आए हैं।इसतरह के कॉल्स से सतर्क रहें और अपने बैकिंग डीटेल्स कभी भी कॉल पर किसी के साथ शेयर ना करे। 
 

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