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 वुहान वायरस लैब का दावा- हमें फैलने के बाद मिला कोरोना वायरस  - पहले विदेश मीडिया से बातचीत में स्वीकारा 

 वुहान वायरस लैब का दावा- हमें फैलने के बाद मिला कोरोना वायरस  - पहले विदेश मीडिया से बातचीत में स्वीकारा 

पेइचिंग । चीन से फैले घातक कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है इसके संक्रमण को लेकर सवाल खड़े हो गए थे कि वायरस आखिर फैला कैसे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नए कोरोना वायरस फैलने का दोष चीन के सिर मढ़ा जिसकी वुहान वायरस लैब विश्व में सबसे अधिक खतरनाक संक्रामक रोग वायरस का अध्ययन करने में सक्षम है। दावा किया गया कि इसी लैब से वायरस लीक हुआ है। अब वुहान वायरस लैब की निदेशक वांग यैन ई और उनके सहकर्मियों ने अमेरिकी मीडिया को दिए इंटरव्यू में ऐसी अफवाहों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस इंसानों में कैसे फैला, इसकी जांच पर राजनीति का असर नहीं होना चाहिए।
अमेरिका के इस रिपोर्टर ने 7 अगस्त को चीन के वुहान वायरस लैब और वहां बीसीएल 4 प्रयोगशाला का दौरा किया था। इस दौरान वुहान वायरस लैब के अनुसंधानकर्ता युआन ची मींग ने कहा, 'हम चीन-अमेरिका तनाव नहीं देखना चाहते हैं जो विश्व की स्थिरता और प्रगति के लिए हानिकारक है। हमने अमेरिकी वैज्ञानिकों से बहुत तकनीक और अनुभव सीखे हैं। महामारी फैलने की स्थिति में हम विज्ञान और वैज्ञानिकों का विश्वास करते हैं।'
यह मीडिया समूह को इस कैंपस में जाने की इजाजत मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि संस्थान के टूर से पहले एक गार्ड ने टीम का तापमान लिया और सामान चेक किया। फसिलटी में वर्कर्स सामान्य कपड़े और मास्क पहने थे। अंदर टेक्नीशन्स प्रोटेक्टिव सूट पहने मोटे ग्लास के अंदर एक्सपेरिमेंट करते हैं। इंटरव्यू में सरकार के प्रतिनिधि ने लैब से वायरस फैलने के आरोप का खंडन किया और कहा कि लैब को अपना पहला कोरोना वायरस सैंपल बीमारी के जनता के बीच में फैलने के बाद मिला था। संस्थान के वाइस डायरेक्टर युआन झिमिंग ने कहा, 'मैंने लगातार इस बात पर जोर दिया है कि हम सार्स जैसे निमोनिया वायरस से संपर्क में 30 दिसंबर को आए थे जो हमें किसी अस्पताल से भेजा गया था।' उन्होंने दावा किया कि उससे पहले नोवेल कोरोना वायरस पर काम नहीं किया गया था। इसलिए लैब से लीक होने का मतलब नहीं है। हालांकि, इस रिपोर्ट में इस दावे को वेरिफाई नहीं किया है। वान्ग ने यह भी कहा कि संस्थान के किसी वैज्ञानिक को इन्फेक्शन नहीं हुआ है। 
 

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