
काठमांडू । नेपाल पुलिस ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक बड़े गुर्गे अल्ताफ हुसैन अंसारी को 15 किलो सोने की तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया है। तस्करी की यह घटना बारा जिले में हुई थी। परसा के डीएसपी मंजीत कुंवर ने बताया कि उन्होंने खुफिया जानकारी मिलने के बाद अंसारी को अरेस्ट किया गया है।
अंसारी को पूछताछ के लिए काठमांडू भेज दिया गया है। एक भारतीय को भी इस संबंध में अरेस्ट किया गया है। सूत्रों के मुताबिक अल्ताफ अंसारी नेपाल में आईएसआई के लिए नकली भारतीय नोटों की तस्करी का गैंग चलाता है। काठमांडू रेंज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्याम लाल ज्ञवली ने बताया कि दो भारतीय नागरिक नीलेश शकिया और संजय पटेल 15 किलो नकली सोने की तस्करी के मामले का मास्टरमाइंड हैं। अंसारी मुख्य डीलर था और वह नेपाल में उन्हें मदद मुहैया कराता था।
शकिया को एक दिन पहले ही अरेस्ट किया गया था और अंसारी फरार चल रहा था। अब अंसारी भी अरेस्ट कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि पटेल को भी पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। ज्ञवली ने कहा कि ये तस्कर चांदी के ऊपर सोने की परत चढ़ाकर भारत भेजने की योजना बना रहे थे। यह सोना गुजरात भी जाना था। वहां ये लोग इसे असली सोना बताकर बेचने वाले थे। शुरुआत में यह मामला उस समय विवादों में आ गया था जब ये तस्कर सोने से भरा बैग फेंककर फरार हो गए थे। इसके बाद पुलिस ने एक कमिटी बनाकर पूरे मामले और पुलिसकर्मियों के भ्रष्टाचार की जांच की।
इस कमिटी ने पाया कि सिपाही बहादुर सिंह कादयात और सिपाही प्रसन्न श्रेष्ठ ने अपने बॉस डीएसपी रंजन कुमार दहल को घटना के स्थान की गलत सूचना दी। उन्होंने तस्करी के बारे में पूरी सूचना भी नहीं दी। जांच में पता चला कि इन पुलिसकर्मियों ने नकली सोने का बैग लेकर तस्करों को जाने दिया था। इस मामले से जुड़े कुल आठ लोग अब पुलिस की हिरासत में हैं।