
वाशिंगटन । अमेरिका की 6 यूनिवर्सिटी में 200 से ज्यादा स्टूडेंट्स संक्रमित मिले हैं।साथ ही अमेरिका के पांच राज्यों के स्कूलों के 2000 से ज्यादा बच्चों को क्वारंटाइन किया गया है। अकेली यूनिवर्सिटी ऑफ आयोवा में सबसे ज्यादा 175 स्टूडेंट संक्रमित मिले हैं। दूसरे नंबर पर यूनिवर्सिटी ऑफ नोट्रेडेम है, जिसके 80 से ज्यादा स्टूडेंट्स की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। जॉर्जिया के चेरोकी काउंटी स्कूल के सबसे ज्यादा 1100 बच्चों को क्वारंटाइन किया गया है। अमेरिका में 3 अगस्त को स्कूल और कॉलेज दुबारा खोलने की इजाजत दी गई थी जिसके बाद से लगातार कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। उधर विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक सिर्फ अमेरिका में कोरोना संक्रमण के मामले एक करोड़ 15 लाख तक पहुंचने की आंशका है, इतना ही नहीं चार लाख लोगों की मौत की आशंका भी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी जारी कर कहा है कि 20 से लेकर 40 साल के युवा कोरोना का संक्रमण दुनिया भर में फैला रहे हैं,उन्हें सतर्कता बरतने की जरूरत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल टेडरस एडनॉम गैब्रिएसिस कहते हैं, 'हमारे सामने ये चुनौती रहती है कि युवाओं को कोरोना के खतरे के बारे में कैसे समझाएं। युवाओं की भी कोरोना से जान जा सकती है और वहां दूसरों में भी फैला सकते हैं। इंग्लैंड से लेकर जापान और जर्मनी से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक कई देशों में नौजवानों को कोरोना के नए मामलों में बढ़ोतरी के लिए ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है। कई अधिकारियों का कहना है कि युवा लॉकडाउन में बोर होकर बाहर निकल आ रहे हैं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना करते हुए बाहर निकल रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन में यूरोप के लिए रीजनल डायरेक्टर डॉ.हांस क्लूज ने बताया,हमें नागरिक और स्वास्थ्य अधिकारियों से रिपोर्ट मिली है कि संक्रमण के नए मामलों में सबसे ज़्यादा संख्या युवाओं की है। हालांकि, फिलहाल इसके स्पष्ट प्रमाण नहीं हैं।
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि बड़ी संख्या में नौजवान अलग-अलग क्षेत्रों में नौकरी भी करते हैं। कई क्षेत्र हैं जिनमें काम शुरू हो गया है,इसकारण नौजवान काम के लिए भी बाहर निकल रहे हैं। इंग्लैंड में ग्रेटर मैनचेस्टर के डिप्टी-मेयर रिचर्ड लीस ने कहा था,नौजवानों के कोरोना पॉजिटिव होने के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है। इस देखकर सरकार ने स्थानीय लॉकडाउन भी लागू किया था। लीस ने कहा था कि शहर में ज्यादातर नए संक्रमण नौजवानों में पाए जा रहे हैं। कई लोग इसतरह के व्यवहार कर रहे हैं जैसे महामारी ख़त्म हो चुकी है।वहां घरों में होने वालीं पार्टियों या गैर-क़ानूनी रेव पार्टियों में जा रहे हैं।