
नई दिल्ली । चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग का विरोध होने लगा है। जिनपिंग चीन की जनता के निशाने पर है। भारत के साथ पिछले कुछ महीनों में सीमा विवाद को बढ़ाया जाना एक रणनीति का हिस्सा है। इसकी पुष्टि इस बात से भी होती है कि चीन की चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की एक आलोचक काइ जिआ को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। जिआ ने इस बात का खुलासा किया है कि चीन का भारत के साथ विवाद राष्ट्रपति जिनपिंग द्वारा जनता का ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है। जिआ ने जिनपिंग सरकार पर कोरोना से मौत के आंकड़े छुपाने का भी आरोप लगाया।
पार्टी की आजीवन सदस्य जिआ ने जिनपिंग पर आरोप लगाया था कि वह चीन के लोगों का आर्थिक और सामाजिक दिक्कतों से ध्यान भटकाने के लिए भारत और चीन के बीच विवाद भड़का रहे हैं। जिआ ने राष्ट्रपति के लिए अधिकतम दो कार्यकाल वाला नियम बदलने के लिए संविधान में बदलाव पर भी जिनपिंग की कड़ी आलोचना की थी। जिआ ने कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अब राजनीतिक खिचड़ी में बदल गई है। जिनपिंग की शक्तियां असीमित हैं। कोई उनका विरोध नहीं कर सकता। पार्टी के नेता आपस में ही विरोधाभासी हैं और अधिकतर भ्रष्टाचारी हैं। यही कारण है कि कोई भी जिनपिंग के खिलाफ आवाज नहीं उठा पाता है।