
प्योंगयॉग । नार्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन अपनी छोटी बहन को पावरफुल बना रहे हैं। इसी क्रम में उनकी बहन किम यो-जोंग को हाल ही में कई अहम जिम्मेदारियां मिली हैं। इस तरह के दावे दक्षिण कोरिया की जासूसी एजेंसियों ने किए है। उनका कहना है कि किम के पास हालांकि अब भी काफी ताकत है लेकिन अपने ऊपर दबाव घटाने के लिए उन्होंने काफी जिम्मेदारियां अपनी छोटी बहन यो जोंग को सौंप दी हैं। नेशनल असेंबली में इसका एलान भी हो चुका है। इसके बाद से यो जोंग आधिकारिक तौर पर नॉर्थ कोरिया की अंतरराष्ट्रीय नीति देखेंगी। जानिए, कौन हैं यो जोंग, जो देश की दूसरे नंबर पर पावरफुल शख्स मानी जा रही हैं। 26 सितंबर 1987 को जन्मी किम यो जोंग कोरिया के तानाशाह से 4 साल छोटी हैं। यो ने सीनियर सेकंडरी उत्तर कोरिया में ही किया था और इसके बाद वे किम इल सुंग मिलिट्री यूनिवर्सिटी में पढ़ीं। आगे की पढ़ाई के लिए वे स्विट्जरलैंड के बर्न गईं, जहां साल 2000 तक पढ़ाई के बाद वे घर लौटीं। कहा जाता है कि इस दौरान वे नाम बदलकर रहा करती थीं। हालांकि तब भी उनके आसपास गहरा सुरक्षा कवच रहा करता था जिसे यो जोंग के बारे में कुछ भी बोलने की मनाही थी। खुद यो अपने-आप में सिमटी रहती थीं और उनके कोई खास दोस्त नहीं बन सके। माना जाता है कि उत्तर कोरिया की आइसोलेट रहने की पॉलिसी के कारण यो जोंग ने ऐसा किया। यहां तक कि वे यूनिवर्सिटी काल के दौरान छात्र राजनीति से भी एकदम दूर रहीं ताकि किसी भी वजह से उनपर किसी का ध्यान न जाए। मीडिया और दुनिया से काफी अलग-थलग रहने वाले तानाशाह परिवार की ये बेटी पहली बार साल 2010 में पिता के साथ वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया के कन्वेंशन में दिखी थीं। इसके करीब 3 साल बाद वे पिता के अंतिम संस्कार के मौके पर सामने आईं। लेकिन उनकी असल राजनैतिक सक्रियता साल 2014 से शुरू हुई। माना जाता है कि वे बतौर पॉलिटिकल अपने भाई की मदद करने लगीं। हाल ही में उन्हें देश में फैसले लेने वाली सबसे बड़े संगठन पोलित ब्यूरो का वैकल्पिक सदस्य बनाया गया। जो योंग को इस पद से बीते साल के अप्रैल में हटा दिया गया था। इसके पीछे हनोई में प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप के साथ वार्ता का विफल होना बड़ी वजह बताई जा रही थी। जानकारी के मुताबिक स्थानीय भाषा के अलावा अंग्रेजी और जर्मन भाषा पर समान अधिकार रखने वाली यो जोंग ने अपनी ही पार्टी के सेक्रेटरी चोए योंग-हे के बेटे से शादी की थी जिसकी लगभग 5 साल पहले एक एक्सिडेंट में मौत हो गई। इसके बाद से यो जोंग उत्तर कोरिया में राजनीति में काफी नजर आने लगीं।