
नई दिल्ली । जापान के शोधकर्ताओं ने कोरोना पर काबू पाने का एक नया तरीका ढूंढने का दावा किया है। शोधकर्ताओं ने कहा कि ओजोन की कम सांद्रता कोरोना वायरस के कणों को बेअसर कर सकती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि ओजोन गैस की मदद से अस्पतालों और वेटिंग रूम को कीटाणुरहित किया जा सकता है। ये शोध फुजिता हेल्थ यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने किया है। वैज्ञानिकों ने बताया कि ओजोन गैस की 0.05 से 0.1 प्रति मिलियन की सांद्रता कोरोना वायरस को खत्म कर सकती है। उन्होंने कहा कि ओजोन गैस का ये स्तर इंसानों के लिए खतरनाक भी नहीं हैं। ये शोध करने के लिए वैज्ञानिकों ने ओजोन जनरेटर का उपयोग किया था। वैज्ञानिकों ने पाया कि 10 घंटे के लिए ओजोन गैस का कम स्तर पर इस्तेमाल करने से वायरस की क्षमता 90 फीसदी से अधिक घट गई थी। प्रमुख शोधकर्ता ताकायुकी मुराता ने कहा कि 'कम सांद्रता के ओजोन से कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोका जा सकता है। भले ही उस जगह पर कितने लोग भी मौजूद हों, कम सांद्रता के ओजोन ट्रीटमेंट का इस्तेमाल कभी भी किया जा सकता है। हमने पाया कि यह उच्च आर्द्रता वाली परिस्थितियों में ये विशेष रूप से प्रभावी है।' बता दें कि फुजिता हेल्थ यूनिवर्सिटी में फुजिफिल्म के एविगन दवा का क्लिनिकल ट्रायल भी किया जा रहा है। ये दवा कोरोना वायरस के मरीजों पर इस्तेमाल की जाएगी।