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 प्राइवेट अस्पतालों में अब 1600 रुपए में होगी कोरोना की जांच

 प्राइवेट अस्पतालों में अब 1600 रुपए में होगी कोरोना की जांच

नई दिल्ली । प्राइवेट अस्पतालों में अब कोरोना की जांच 1600 रुपये में होगी। लोगों की सहूलियत के लिए सरकार ने टेस्ट की दरों में कटौती की है। अब से पहले यह जांच 2400 रुपये में हो रही थी। जबकि शुरू के महीनों में इसके लिए 4500 रुपये निर्धारित किए गए थे। अब तीसरी बार इस जांच की दरे कम की गई हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद आईसीएमआर की ओर से अधिकृत की जांच प्रयोगशालाओं में संदिग्ध मरीज अब 1600 रुपये देकर अपना आरटी-पीसीआर टेस्ट करवा सकेंगे। हालांकि स्मार्ट सिटी फरीदाबाद में ऐसी प्राइवेट प्रयोगशालाएं नहीं है। लेकिन कुछ प्रमुख प्रयोगशालाओं के कलेक्शन सेंटर प्राइवेट अस्पतालों में बने हुए हैं। जबकि ईएसआईसी समेत सरकारी अस्पतालों में कोरोना जांच की सुविधा पूरी तरह से निशुल्क है। स्मार्ट सिटी फरीदाबाद में सरकारी अस्पतालों में लिए गए कोरोना नमूनों की ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और दूसरा केंद्र सरकार की लैब में की जाती है। इन दोनों स्थानों पर आटीपीसीआर तकनीक से जांच होती है, जिसकी रिपोर्ट अगले दिन या फिर एक दो दिन में आती है। जबकि रेपिड एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट तुरंत मिलती है। अगर जांच नमूने अधिक लिए गए और जांच नमूने प्राइवेट लैब में भेजे गए तो भुगतान सरकार करेगी। इसके अलावा बीपीएस मेडिकल कॉलेज खानपुर कलां को सोनीपत, पानीपत, जींद, फरीदाबाद, गुरुग्राम समेत आठ जिलों के नमूनों की आरटीपीसीआर से कोरोना की जांच का केंद्र बनाया गया था। स्मार्ट सिटी में करीब 25 फीसदी जांच ही आरटीपीसीआर हो रही है। बाकी जांच रेपिड एंटीजन टेस्ट के माध्यम से हो रही है। अलग-अलग इलाकों में शिविर लगाकर कोरोना जांच की जा रही है। शिविरों में जांच रेपिड एंटीजन टेस्ट के माध्यम की जा रही है। जबकि ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और बीके जिला राजकीय अस्पताल में लिए गए नमूनों की जांच आरटीपीसीआर होती है। जिले में प्रतिदिन करीब दो हजार जांच हो रही है, इनमें से करीब 400 से 500 आरटीपीसीआर और 1500 से 1600 जांच रेपिड एंटीजन होती है। अब प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना की आरटीपीसीआर जांच मात्र 1600 रुपये में हो जाएगी। सरकार के इसके लिए प्राइवेट लैबों से समझौता भी किया है। फरीदाबाद में कोई प्राइवेट लैब नहीं है, बल्कि प्राइवेट अस्पतालों में उनके कलेक्शन सेंटर है। हमारे यहां सरकारी अस्पतालों में यह सुविधा पूरी तरह से निशुल्क है।
 

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