नई दिल्ली । संसद के उच्च सदन राज्यसभा के उपसभापति पद के होने जा रहे चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सांसद मनोज झा के मैदान में आ जाने से चुनाव दिलचस्प हो गया है। एनडीए ने जेडीयू के हरिवंश को उम्मीदवार बनाया है और इन्होंने चुनाव के किये नामांकन भी भर दिया है। हरिवंश के सामने विपक्ष ने आरजेडी के मनोज झा को उम्मीदवार बनाने का फैसला कर लिया है। मनोज झा आरजेडी से राज्यसभा सांसद हैं, और देश के राजधानी दिल्ली में आरजेडी की नीतियों को राष्ट्रीय स्तर पर रखते आये है। विपक्ष में इनकी अच्छी साख है। एनडीए के हरिवंश और महागठबंधन के मनोज झा दोनों बिहारी नेता के तौर पर जाने जाते है। 2 महीनों के भीतर बिहार में विधानसभा चुनाव होना है। जहां एक और एनडीए पूरी ताक़त के साथ नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव जीतना चाहता है, वहीं सालों से सत्ता से दूर रही आरजेडी सत्ता पाने के लिए जोर आजमाइश करेगी। बिहार की राजनीति का शक्ति परीक्षण 14 तारीख को राज्यसभा उपसभापति चुनाव में देखने को मिल जाएगा कि एनडीए कितना मजबूत है और आरजेडी को लेकर सारी विपक्षी पार्टियां क्या राय रखती है। आरजेडी के लिए ये चुनाव इस लिए महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इसमें देखा जाएगा कि क्या लाइक माइंडेड पार्टियां इसके समर्थन में आती है, या इन्हें मझदार में छोड़ देती हैं। जाहिर है आगे इसका असर बिहार विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है।
विपक्ष भले ही मनोज झा को मैदान में उतार कर ये संदेश देने की कोशिश की हो कि एनडीए उम्मीदवार को विपक्ष वाकओवर नहीं देना चाहती है, लेकिन अगर संख्याबल पर ध्यान दें, तो जेडीयू के हरिवंश के लिए ये चुनाव जीतना बेहद आसान होगा। मौजूदा वक्त में राज्यसभा में बीजेपी के 86 सांसद है, वहीं जेडीयू के 5, अकाली दल के 3, रामदास अठावले, रामविलास पासवान, कुछ नॉमिनेटेड सांसद भी हरिवंश के समर्थन में वोट करेंगे। वहीं एनडीए से अलग पार्टीयो की बात करे तो बीजेडी, टीआरएस, एआईएडीएमके, वाईएसआऱ कांग्रेस जैसी पार्टियां जेडीयू के हरिवंश के लिए वोट करेंगे। भाजपा को भरोसा है कि हरिवंश को 140 से ज्यादा वोट मिलेंगे। वहीं, बात विपक्ष के उम्मीदवार डॉक्टर मनोज झा की बात करें, तो इनके पक्ष में आरजेडी के अलावा कांग्रेस, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बीएसपी, डीएमके जैसी पार्टियां आ सकती है। लेकिन इन सभी विपक्षी पार्टियों के साथ आ जाने से भी मनोज झा को 100 के करीब ही वोट मिल सकता है।
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रास उपसभापति चुनाव- एनडीए और महागठबंधन बीच के मुकाबला, हरिवंश का पलड़ा भारी