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कोरोना संक्रमण में आज रूस को पीछे छोड़ सकता है महाराष्ट्र, भारत में 47 लाख से अधिक संक्रमित

कोरोना संक्रमण में आज रूस को पीछे छोड़ सकता है महाराष्ट्र, भारत में 47 लाख से अधिक संक्रमित

नई दिल्ली । कोरोना से होने वाली मौतों और सक्रिय मामला की संख्या में रूस से आगे निकला महाराष्ट्र रविवार को कुल संक्रमित मरीजों की संख्या के मामले में भी रूस को पीछे छोड़ सकता है। महाराष्ट्र में शनिवार को 22,084 नए संक्रमित मिलने के साथ ही पीड़ितों की संख्या बढ़कर 10 लाख 37 हजार 765 हो गई है। जबकि रूस में 10 लाख 48 हजार 257 कोरोना संक्रमित हैं। महाराष्ट्र में संक्रमण की दर रूस से लगभग दोगुनी है। रूस में 18,309 लोगों की मौत हुई है, जबकि महाराष्ट्र में अब तक 29,115 लोगों की मौत हो चुकी है। रूस में 1,64,302 सक्रिय मामले हैं। जबकि महाराष्ट्र में 2,79,768 सक्रिय मामले हैं। इस प्रकार संक्रमण के मामले में अमेरिका, भारत और ब्राजील के बाद भारत के एक प्रदेश महाराष्ट्र का नंबर आ जाएगा।
संक्रमण भारत में इतनी तेजी से फैल रहा है कि वर्तमान में भारत के 15 राज्य ऐसे हैं जो कोरोना के जनक चीन को संक्रमित मरीजों की संख्या में पीछे छोड़ चुके हैं। चीन में शनिवार तक 90,145 कोरोनावायरस संक्रमित मरीज मिले थे जबकि भारत के 15 राज्यों में चीन से ज्यादा संक्रमित मिल चुके हैं। भारत में चीन के मुकाबले 47 गुना ज्यादा संक्रमण फैला है। चीन में कुल 388 एक्टिव मामले हैं जो भारत के 2 केंद्र शासित प्रदेशों को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कम हैं। चीन में इस वायरस से 4733 मौतें हुई हैं इससे ज्यादा मौतें भारत के महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, दिल्ली जैसे राज्यों में हो चुकी हैं। इस प्रकार हर पैमाने पर भारत के अनेक राज्य कोरोना के जनक चीन से आगे हो चुके हैं।
संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है। शनिवार को आंध्रप्रदेश में 9901, तमिलनाडु में 5495, कर्नाटक में 9140, उत्तरप्रदेश में 6786, दिल्ली में 4321, पश्चिम बंगाल में 3161, ओडिशा में 3777 नए संक्रमित मरीज मिले। यह वह राज्य हैं जिनमें कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 3000 से ऊपर मिल रही है। इसके अलावा अनेक राज्यों में 1000 से ऊपर संक्रमित प्रतिदिन सामने आ रहे हैं।
इस बीच अच्छी खबर यह है कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के कोरोना वैक्सीन का ट्रायल फिर से प्रारंभ हो गया है। इससे यह उम्मीद बंधी है कि देश में अगले वर्ष की शुरुआत तक कोरोना का टीका विकसित कर लिया जाएगा। लेकिन तब तक क्या स्थिति होगी यह कहना असंभव है, क्योंकि कोरोना बेकाबू हो चुका है।
 

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