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हाथ से मैला उठाना पूरी तरह रोकने के लिए मानसून सत्र में विधेयक लाएगी केंद्र सरकार

हाथ से मैला उठाना पूरी तरह रोकने के लिए मानसून सत्र में विधेयक लाएगी केंद्र सरकार

नई दिल्ली । हाथ से मैला उठाने को प्रतिबंधित करने वाले कानून को और अधिक कठोर बनाने के लिए सरकार की योजना सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र में एक विधेयक लाने की है। अधिकारियों ने बताया कि हाथ से मैला उठाने के तौर पर नियोजन का निषेध एवं उनका पुनर्वास (संशोधन) विधेयक,2020 यह प्रस्ताव भी करता है कि सीवर की सफाई को पूर्ण रूप से मशीन से किया जाना सुनिश्चित किया जाए और कार्यस्थल पर बेहतर सुरक्षा एवं दुर्घटना के किसी मामले में मुआवजा उपलब्ध कराया जाए। फिलहाल, सीवर एवं सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए किसी व्यक्ति को किसी व्यक्ति या एजेंसी द्वारा कार्य पर लगाना दंडनीय अपराध है और इसके लिए पांच साल तक की सजा या पांच लाख रुपए जुर्माना या दोनों ही सजाओं का प्रावधान किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि विधेयक में व्यवस्था की गई है कि हाथ से मैला उठाने को प्रतिबंधित करने वाले कानून को कैद की सजा की अवधि तथा जुर्माने की राशि बढ़ा कर और कठोर बनाया जाए।
यह विधेयक, उन 23 विधेयकों में शामिल है जिसे मॉनसून सत्र के दौरान संसद में पेश किया जाना है। देश में सीवरों की सफाई और उनकी देखरेख के दौरान होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या की पृष्ठभूमि में यह संशोधन विधेयक लाया जा रहा है। यह विधेयक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की राष्ट्रीय कार्ययोजना के तहत आता है जिसका उद्देश्य कहीं अधिक गंभीर, कठोर और लक्ष्य केंद्रित रणनीति के साथ सीवर और सेप्टिक टैंक की खतरनाक साफ-सफाई का पूर्ण रूप से उन्मूलन करना है।
मंत्रालय के एक दस्तावेज के मुताबिक योजना का लक्ष्य मौजूद सीवेज प्रणाली का आधुनिकीकरण करना और गैर सीवर लाइनों को इसके दायरे में लाना, सेप्टिक टैंकों की मशीन से सफाई के लिये प्रबंधन प्रणाली की व्यवस्था करना, नगर निकायों को उपकरणों से लैस करना और हेल्पलाइन के साथ स्वच्छता प्रतिक्रिया इकाइयों की स्थापना करना आदि है।
 

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