
नई दिल्ली । स्पेन में कोरोना वैक्सीन का पहला परीक्षण यह जानकारी ला पाज यूनिवर्सिटी अस्पताल के नैदानिक इकाई के प्रमुख अल्बर्टो बोरोबिया ने रविवार को दी। उन्होंने बताया कि इस वैक्सीन को अमेरिका की जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी विकसित किया है। इसके पहले चरण का परीक्षण अमेरिका और बेल्जियम में हो चुका है। स्पेन में इसके दूसरे चरण का परीक्षण होगा। साथ ही जर्मनी और बेल्जियम में भी इसके दूसरे चरण का परीक्षण होगा। उन्होंने बताया कि परीक्षा तीन अस्पतालों में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सैंटेंडर में स्थित वालडेसिला अस्पताल में इसका परीक्षण सोमवार से शुरू होगा, जबकि मैड्रिक स्थित ला पाज तथा ला प्रिंसेसा यूनिवर्सिटीस में इसका परीक्षण मंगलवार से शुरू होगा। उन्होंने बताया कि ला पाज यूनिवर्सिटी में 190 लोगों पर इसका परीक्षण किए जाने की उम्मीद है, जिसमें 18 से 55 साल की उम्र के 50 वयस्क तथा 65 साल से अधिक उम्र के 25 सीनियर सिटीजन शामिल होंगे। भारत में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में रोजाना तेजी से इजाफा हो रहा है। पिछले कुछ दिनों से 90 हजार से ज्यादा मरीज रोज सामने आ रहे हैं। इस वजह से लोगों को अब जिसका इंतजार है, वह कोरोना वायरस की वैक्सीन है। दुनिया के कई देशों में विभिन्न वैक्सीन्स पर काम चल रहा है। इन सभी के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बताया है कि भारत में वैक्सीन कब तक संभव हो सकती है। डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि अभी वैक्सीन की लॉन्चिंग को लेकर कोई तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन यह अगले साल की पहली तिमाही में आ सकती है। केंद्रीय मंत्री ने यह जानकारी दी। डॉ. हर्षवर्धन का यह बयान तब आया है, जब एक दिन पहले दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि ब्रिटिश रेग्युलेटर से हरी झंडी मिलने के बाद इसने कोविड-19 वैक्सीन का मानव परीक्षण एक बार फिर शुरू कर दिया है। एक वॉलंटियर के बीमार पड़ जाने की वजह से इसे बीच में रोकना पड़ा था। इसके बाद भारत में भी इस वैक्सीन के ट्रायल पर रोक लगा दी गई थी।