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 चीन- शिंजियांग में 400 हिरासत कैंपों में 80 लाख उइगर मुस्लिमों की नरक सी जिंदगी

 चीन- शिंजियांग में 400 हिरासत कैंपों में 80 लाख उइगर मुस्लिमों की नरक सी जिंदगी

पेइचिंग । पाकिस्तान के परम मित्र चीन में उइगर मुसलमानों की हालत इतनी बदतर है कि रूह कांप जाती है इस बात का खुलासा सैटलाइट से मिली तस्‍वीरों से हुआ है। चीन में उइगर मुस्लिम बाहुल्य शिंजियांग प्रांत में 80 लाख लोगों पर अत्‍याचार का बड़ा खुलासा हुआ है। चीन ने इन उइगर मुस्लिमों को कैद करने के लिए 400 डिटेंशन कैंप बनाए हैं। सैटलाइट से मिली तस्‍वीरों से पता चला है कि इन डिटेंशन कैंप्‍स का निर्माण पिछले दो साल से लगातार जारी है। चीन सरकार इन कैंप का निर्माण ऐसे समय पर कर रही है, जब उसका दावा है कि उइगर मुस्लिमों को 'फिर से शिक्षित' करने का काम लगभग खत्‍म होने वाला है। ऑस्‍ट्रेलियन स्‍ट्रेटजिक पॉलिसी इंस्‍टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक ये डिटेंशन कैंप देश सुदूरवर्ती पश्चिमी इलाके में बनाए गए हैं। इसमें उइगरों और अन्‍य मुस्लिम अल्‍पसंख्‍यकों को रखा जाता है। यहां पर 14 डिटेंशन कैंप का निर्माण अभी जारी है। इस रिपोर्ट में सैटलाइट तस्‍वीरों के हवाले से कहा गया है कि चीन ने वर्ष 2017 से लेकर अब तक 380 ड‍िटेंशन कैंप बनाए हैं। इन 'जेल' के अंदर सुरक्षा के कडे़ इंतजाम किए गए हैं।
इंस्‍टीट्यूट के शोधकर्ता नाथन रुसर ने कहा, 'इन तस्‍वीरों से मिले सबूत के आधार पर यह पता चलता है कि चीनी अधिकारियों के दावे के विपरीत नए डिटेंशन कैंप को बनाने पर बड़े पैमाने पर निवेश किया गया है। यह साल 2019 और 2020 में भी जारी है। वहीं एक ब्रिटिश अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने अपने डिटेंशन कैंप्स में शिनजियांग प्रांत के 80 लाख उइगर मुसलमानों को कैद कर रखा है। पेइचिंग के एक खुफिया दस्तावेज में बताया गया है कि चीनी सरकार अपनी सक्रिय श्रम और रोजगार नीतियों के माध्यम शिनजियांग के लोगों के सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन को बेहतर बना रही है। इस दस्तावेज में यह भी कहा गया है कि लगभग 8 मिलियन (80 लाख) मुसलमानों को अलग-अलग डिटेंशन कैंप्स में रखा गया है। रिपोर्ट के अनुसार, शिनजियांग में उइगर और अन्य समुदायों के लिए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी बड़े पैमाने पर डिटेंशन सेंटर को चला रही है। इन कैंप्स में चीन राजनीतिक असंतोष को दबाने का काम करता है। इसके अलावा उइगुर मुसलमानों को प्रताड़ित करने का काम भी किया जा रहा है। चीनी सरकार इसे व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्र का नाम दे रही है।
शिनजियांग की 29 साल की महिला मिहरिगुल तुर्सुन ने अमेरिकी राजनेताओं को बताया कि वह 2018 में चीन के इस कैंप से भाग निकली थीं। उन्होंने राजनेताओं से बातचीत में कहा कि इस कैंप में चीनी अधिकारी इतनी यातनाएं देते थे कि मन करता था कि इसके बजाए मैं मर जाऊं या उनसे अपनी मौत की भीख मांगू। एक और सर्वाइवर कार्यकर्ता समरकंद ने कहा कि उन्हें प्रताड़ित करने के लिए धातु का बना बख्तरबंद पहनाया जाता था। वे मुझ पर उसे पहनने के लिए दबाव डालते थे। चीनी सैनिक उसे मेटल सूट कहते थे। 50 किलो के इस सूट को पहनने के बाद मेरे हाथ और पैर काम करना बंद कर देते थे। मेरे पीठ में भी भयंकर दर्द होता था। हालांकि चीनी नेता इसका खंडन करते हैं। वे इस डिटेंश कैंप्स को व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्र बताते हैं। चीन सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिणी शिनजियांग में 2014 से 2019 तक 415,000 उइगर मुस्लिमों को कैद कर रखा गया था। इनमें से कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें एक से ज्यादा बाद कैद किया गया है। कुल मिलाकर अभी 8 मिलियन से ज्यादा लोग चीन के डिटेंशन कैंप्स में कैद हैं।
 

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