
पेरिस । पेरिस में व्यग्य पत्रिका चार्ली हेब्दो के पुराने ऑफिस के सामने हुई चाकूबाजी के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस ने हमलावर के पास से बरामद एक वीडियो के आधार पर बताया कि वह चार्ली हेब्दो पत्रिका में हाल में ही प्रकाशित पैगंबर मोहम्मद के कार्टून का बदला लेना चाहता था। हमलावर की पहचान पाकिस्तानी मूल के जहीर हसन महमूद के रूप में की गई है।
हमलावर के पिता ने कहा है कि वह पैगंबर के सम्मान में अपने पांचों बेटे को कुर्बान कर सकते हैं। पेरिस पुलिस ने बताया पाकिस्तानी संदिग्ध हमलावर को मौका ए वारदात से पकड़ लिया था। उस दौरान हमलावर के कपड़े खून से सने थे। जांच के दौरान उसके मोबाइल फोन से हमले के पहले रिकॉर्ड किया गया एक वीडियो भी पाया गया था। पुलिस भी इस वीडियो की प्रमाणिकता की जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि हमलावर ने मांस काटने वाले चाकू से लोगों पर हमला किया था।
इस वीडियो में संदिग्ध हमलावर खुद की पहचान जहीर हसन महमूद के रूप में कराता है। उसने आगे बताया कि वह पंजाब प्रांत के मंडी बहाउद्दीन से आया है। उसने इस वीडियो में पैगंबर मोहम्मद की प्रशंसा करते हुए कुछ आयतें भी पढ़ीं। उसने वीडियो में उर्दू में कहा कि अगर मैं भावुक हो रहा हूं, तो मुझे समझाएं। यहां, फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के कैरिकेचर बनाए गए थे। मैं आज बदला लेने के लिए जा रहा हूं।
वहीं, पाकिस्तान में रहने वाले हमलावर के पिता अरशद महमूद ने बेटे के काम की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि मेरा दिल खुशियों से भर गया है। मैं पैगंबर के सम्मान की रक्षा के लिए अपने सभी पांच बेटों का बलिदान कर सकता हूं। उन्होंने कहा कि उसने हमें फोन किया और कहा कि ईश्वर के पैगंबर ने उसे चुना था और उसे ईशनिंदा करने वालों को मारने का काम सौंपा था।
उल्लेखनीय लहै कि पैगंबर मोहम्मद साहब के कार्टून को फ्रांसीसी व्यंग मैगजीन ने पहली बार 2006 में प्रकाशित किया था। मोहम्मद साहब के कार्टून को प्रकाशित करने पर 7 जनवरी 2015 को चार्ली हेब्दो के पेरिस के ऑफिस पर दो आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग करते हुए 12 लोगों को मार डाला था। मरने वालों में फ्रांस के कुछ बड़े कार्टूनिस्ट भी शामिल थे। 2015 में फ्रांस के अखबार शार्ली एब्दो में हुआ आतंकी हमले के केस की सुनवाई हाल ही में शुरू हुई। इस मौके पर मैगजीन ने फिर वही कार्टून छाप, जिससे नाराज होकर हमला किया गया था। इस पर अल-कायदा ने धमकी दी कि अगर मैगजीन को लगता है कि 2015 का हमला अकेला था, तो यह उसकी भूल है।