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 एकध्रुवीय दुनिया चाहता है चीन, जिसमें हर कोई उसके अधीन हो :  ओ‘ब्रायन

 एकध्रुवीय दुनिया चाहता है चीन, जिसमें हर कोई उसके अधीन हो :  ओ‘ब्रायन

वॉशिंगटन । अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार राबर्ट ओ‘ब्रायन ने कहा है कि चीन अंतत: एकध्रुवीय दुनिया बनाना चाहता है, ताकि सभी देश उसके अधीन आ जाएं। राबर्ट ब्रायन ने कहा कि दुनियाभर के देशों को यह एहसास होने लगा है कि अमेरिका चीन के खिलाफ क्यों है।
उन्होंने कहा कि दुनिया धीरे-धीरे बहुध्रुवीय स्थिति में प्रवेश कर रही है। ब्रायन ने यूनिवर्सिटी ऑफ नेवादा में कहा मुझे नहीं लगता कि दुनिया में अब द्विध्रुवीय स्थिति होगी। मुझे लगता है कि हम धीरे-धीरे बहुध्रुवीय स्थिति में प्रवेश कर रहे हैं। चीन अंतत: एकध्रुवीय स्थिति पैदा करना चाहता है, जहां शेष सभी देश उसके अधीन हों। उन्होंने कहा कि वे हजारों वर्ष से दुनिया को इसी तरह देखते रहे हैं और वे आज भी इसे ऐसे ही देखते हैं।
ब्रायन ने कहा कि अमेरिका के साथ उसके सहयोगी भी चीन के खिलाफ खड़े हो रहे हैं। उन्होंने कहा मुझे लगता है कि दुनिया भर के देशों को यह एहसास होने लगा है कि हम चीन के खिलाफ क्यों है। मुझे लगता है कि यदि ब्राजील और भारत के महान लोकतंत्र, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन हमारे साथ होंगे, तो अंतत: चीन पहले से अधिक अलग-थलग पड़ जाएगा।
ब्रायन ने कहा कि चीन के निकट मित्र समझे जाने वाले कई अफ्रीकी देशों ने अमेरिका से कहा है कि यदि वह चीन से लिया उनका कर्ज चुका देता है, तो वे चीन के साथ संबंध नहीं रखेंगे। उन्होंने कहा, आप जानते हैं कि राष्ट्रपति ऐसा नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका करदाताओं के धन के प्रति जवाबदेह बनाना चाहता है।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 14 अक्टूबर 2020

(वॉशिंगटन) पाक सेना ने कभी संविधान का सम्मान नहीं किया, बहाल किए जाने चाहिए भारत से व्यापारिक रिश्ते : बाबर
वाशिंगटन (ईएमएस)। पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रवक्ता फरहातुल्ला बाबर ने पाकिस्तान के भारत के साथ संबंधों का आधार बदलने की अपील करते हुए कहा है कि पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना अपने आर्थिक हितों की रक्षा करने की कोशिश कर रही है, जो एक संघीय एवं लोकतांत्रिक प्रणाली में संभव नहीं है। उन्होंने चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि लद्दाख में विवाद के साथ-साथ भारत और चीन के बीच व्यापारिक रिश्ते कामय हैं। पाकिस्तान को भी ऐसे ही प्रयास करने चाहिए।
पीपीपी के प्रवक्ता एवं पूर्व सांसद फरहातुल्ला बाबर ने  साउथ एशियंस अगेन्स्ट टेरेरिज्म एंड फॉर ह्यूमन राइट्स (साथ) के पांचवें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा पाकिस्तान की संसद सेना को जवाबदेह ठहराने में सक्षम नहीं है। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित सम्मेलन में कहा पाकिस्तान के जनरल देश के संविधान को दिल से स्वीकार नहीं करते हैं।
उन्होंने देश में ऐसी स्थिति पैदा की है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है और सेना को सभी संस्थाओं से ऊपर रखती है। बाबर ने भारत के साथ पाकिस्तान के संबंधों का आधार बदलने की अपील की। उन्होंने कहा यदि संघर्षों के बावजूद चीन और भारत के बीच व्यापार संबंध हो सकते हैं, तो पाकिस्तान ऐसा क्यों नही कर सकता?
बाबर ने इशारा किया कि भारत के साथ अच्छे संबंधों से पाकिस्तान में लोकतांत्रिक नियम और आम नागरिकों की सर्वोच्चता स्थापित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में धीरे-धीरे तख्तापलट का कारण शक्तिशाली सेना है, जो अपने आर्थिक हितों की रक्षा करने की कोशिश कर रही है। इन्हें एक संघीय एवं लोकतांत्रिक प्रणाली में बचाए नहीं जा सकते। उन्होंने कहा सेना के खिलाफ पश्तून इलाकों में शुरू हुए प्रदर्शन अब पंजाब में भी पहुंच गए हैं, जो पाक सेना का गढ़ है। बाबर ने कहा कि पाकिस्तान की संसद सेना को जवाबदेह बनाने में सक्षम नहीं हैं और उसके पास सेना के खर्चों एवं अन्य मामलों की कोई जानकारी भी नहीं है।
एसएएटीएच लोकतंत्र समर्थक पाकिस्तानियों का एक समूह है, जिसकी स्थापना अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी और अमेरिका स्थित स्तंभकार डॉ. मोहम्मद तकी ने की थी। पूर्व में एसएएटीएच के वार्षिक सम्मेलन लंदन और वाशिंगटन में हुए थे, लेकिन इस बार सम्मेलन में प्रतिभागी डिजिटल तौर पर शामिल हुए। वजीरिस्तान से नेशनल असेम्बली के सदस्य मोहसिन दावर ने कहा सत्ता पक्ष तालिबान को सत्ता में वापस लाने की कोशिश कर रहा है और डूरंड रेखा के दोनों ओर पश्तूनों के बीच संबंध तोड़ने का प्रयास कर रहा है। पूर्व सांसद बुशरा गौहर ने कहा कि युवा पाकिस्तानियों, वकीलों और महिलाओं ने पाकिस्तान में यथास्थिति को चुनौती देनी शुरू कर दी है।  
 

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