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इस बार राष्ट्रपति चुनाव नहीं जीतेंगे ट्रंप, 35 साल से सही भविष्यवाणी कर रहे शख्‍स ने किया दावा

इस बार राष्ट्रपति चुनाव नहीं जीतेंगे ट्रंप, 35 साल से सही भविष्यवाणी कर रहे शख्‍स ने किया दावा

वॉशिंगटन । अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों की हर कोई भविष्यवाणी कर रहा है। लोगों की निगाहें उस शख्स पर लग गई हैं, जो 1984 से बिल्कुल सटीक भविष्यवाणियां कर रहे हैं। उनका नाम एलन लिचमैन है। इतिहास के प्रोफेसर लिचमैन की गिनती उन चुनिंदा विशेषज्ञों में होती है, 35 साल से अमेरिकी चुनावों की सही भविष्यवाणी कर रहे हैं। इस साल राष्ट्रपति पद की रेस डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन के बीच मुकाबला हो रहा है।
प्रो. लिचमैन ने भविष्यवाणी की है कि इस बार राष्ट्रपति ट्रंप चुनाव नहीं जीतेंगे। चुनावी भविष्‍यवाणी के लिए 'द कीज टू द ह्वाइट हाउस' नाम से एक सिस्‍टम विकसित किया है। इसे '13 कीज' मॉडल के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने इसके लिए 13 सवालों या मुद्दों का मॉडल तैयार किया है। इनका वह सही या गलत के आधार पर जवाब देते हैं। फिर उसी से अगले राष्ट्रपति की भविष्यवाणी करते हैं। इस मॉडल के मुताबिक, अगर अधिकांश सवालों के जवाब 'सही' में आते हैं, तो मौजूदा राष्ट्रपति ही चुना जाता है। अगर जवाब नहीं में होता है, तो अमेरिका को नया राष्ट्रपति मिलता है।
प्रो. लिचमैन का कहना है कि इस साल उन्‍हें अपने '13 कीज' मॉडल में 7 सवालों के जबाव 'नहीं' में और 6 के जबाव 'हां' में मिले हैं। उनके मुताबिक, '1992 के बाद डोनाल्ड ट्रंप ऐसे पहले राष्ट्रपति होंगे, जो दोबारा राष्‍ट्रपति नहीं चुने जाएंगे। 1992 के बिल क्लिंटन ने तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति जॉर्ज एच।डब्ल्यू बुश को हराया था। राष्ट्रपति ट्रंप ने कोरोना वायरस संक्रमण से ऊबर कर प्रचार शुरू कर दिया है। इस दौरान उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी जो बाइडन का जमकर मजाक उड़ाया। उन्होंने बाइडन पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने की वजह से तंज कसा। साथ ही, तीन नवंबर को अपनी जीत का दावा किया है।
उधर, बताया जाता है कि ट्रंप की रैलियां अमेरिका में कोरोना वायरस के फैलने का गढ़ बन सकती हैं। हालांकि, ट्रंप ने इस पर कहा मैं बहुत ताकतवर महसूस कर रहा हूं। मैं लोगों के बीच जाऊंगा। करीब एक करोड़ अमेरिकी वोटर तीन नवंबर को होने राष्ट्रपति चुनाव के लिए पहले ही वोट डाल चुके हैं। एक स्टडी में यह दावा किया गया है। बताया जा रहा कि तय तारीख से पहले वोटों की इतनी संख्या पड़ने की वजह कोरोना वायरस महामारी है। लोग सुरक्षित होकर वोट डालने चाहते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के मुताबिक, 2016 में 16 अक्टूबर तक 14 लाख वोट पहले पड़े थे।

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