
नई दिल्ली । केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रीडॉ. हर्षवर्धन ने कोविड उपयुक्त व्यवहार से संबंधित "जन आन्दोलन" के तहत की गयी गतिविधियों की समीक्षा के लिएआज यहां विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और सीएसआईआर के स्वायत्त संस्थानों के प्रमुखों / निदेशकों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की। डॉ.हर्षवर्धन ने कहा, “हम अब कोविड -19 के खिलाफ अपनी लड़ाई के 10वें महीने में प्रवेश कर रहे हैं। हमने 8 जनवरी को विशेषज्ञ समूह की पहली बैठक की थी। तब से, यह यात्रा अथक चल रही है। लेकिन आज, हम गर्व से कह सकते हैं कि कोविडके खिलाफ अपनी लड़ाई के लिए हमने महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचा बना लिया है।” उन्होंने सभी कोविडयोद्धाओं द्वारा अथक और समर्पित प्रयासों के लिए गहरी कृतज्ञता व्यक्त की और उन्हें सलाम किया।उन्होंने उन योद्धाओं की मौत पर दुख व्यक्त किया जिन्होंने दूसरों को बचाने के क्रम में अपने जीवन का बलिदान दिया।
केन्द्रीय मंत्री ने सभी वैज्ञानिकों द्वारा अपने अधिकृत क्षेत्र से परे जाकर किए गए महान कार्य की सराहना की और कहा कि आज दुनिया में 9 टीका उम्मीदवार हैं, जो उन्नत चरणों में हैं। उन्होंने कहा कि भारत मेंटीके के 3 उम्मीदवारअच्छी तरह से विकसित हो रहे हैं।इनमें से एक उन्नत स्टेज- III क्लिनिकल परीक्षण में और दो अन्य चरण-II परीक्षणों में हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत में जल्द ही कोरोना के टीके का स्वदेशीकरण होगा।
डॉ.हर्षवर्धन ने कोविड -19 का मुकाबला करने के प्रति आलस, लापरवाह और असावधानी भरे रवैये के प्रति लोगों को आगाह किया। उन्होंने कहा कि “सर्दी और त्यौहारों के मौसम कारण कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई में अगले ढाई महीने हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं। यह प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी बनती है कि हमारी सतर्कता को कम न होने दें और संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कोविडके प्रति उपयुक्त व्यवहार का पालन करें।
इस महीने की 8 तारीख को शुरू किए गए 'जन आंदोलन' के तहत प्रधानमंत्री के स्पष्ट आह्वान का पालन करने का देश भर के लोगों से आग्रह करते हुए, केन्द्रीय मंत्री ने लोगों से कोविड के प्रति उपयुक्त व्यवहार का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा, “इस वायरस ने पूरी दुनिया पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। लेकिन कोरोनोवायरस को रोकने के लिए सरल एहतियाती उपाय काफी हद तक प्रभावी हैं। विशेष रूप से सार्वजनिक स्थानों पर मास्क / फेस कवर पहनना और हाथ और श्वसन संबंधी शिष्टाचार का पालन करना सामाजिक टीके के प्रमुख सिद्धांत हैं।” उन्होंने बीमारी के प्रभावी रोकथाम के लिए शारीरिक दूरी के महत्व पर जोर दिया। डॉ. हर्षवर्धन ने देश में इस बीमारी के संचरण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए इस सामाजिक टीके के महत्व को दर्शाने के लिए सभी संस्थानों के प्रमुखों को सबसे आगे रहने को कहा। कोविड -19 के खिलाफ भारत की लड़ाई के बारे में डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, “भारत कोविड के उपचार में लगातार नए मील के पत्थर स्थापित कर रहा है। इस बीमारी से ठीक होने का हमारा दर दुनिया में सबसे अधिक है और मृत्यु दर सबसे कम है। सक्रिय मामलों में लगातार गिरावट आ रही है। सभी मानकों ने कोविड – 19 को रोकने की सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की रणनीति की सफलता को साबित कर दिया है। जरूरतों को पूरा करने के लिए हमने अपनी जांच क्षमता को सफलतापूर्वक बढ़ाया है। भारत अब मास्क, पीपीई किट और वेंटिलेटर के मामले में भी आत्मनिर्भर हो गया है, जिसे हम पहले आयात करते थे।