YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

वर्ल्ड

 सर्दियों के साथ बढ सकता है कोरोना  -6 फीट की दूरी नहीं आएगी काम

 सर्दियों के साथ बढ सकता है कोरोना  -6 फीट की दूरी नहीं आएगी काम

लॉस ऐंजिलिस । स्नायुतंत्र से बाहर आने वाली छोटी बूंदों के जरिए कोरोना वायरस का फैलना सर्दियां आने के साथ बढ़ सकता है। इन बूंदो से संपर्क में आने पर कोरोना वायरस इन्फेक्शन का खतरा गहराने की आशंका एक ताजा रिसर्च में जताई गई है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अभी सोशल डिस्टेंसिंग के लिए जिन नियमों का पालन किया जा रहा है वे पर्याप्त नहीं हैं।
 स्टडी में हिस्सा लेने वाले रिसर्चर यानयिंग झू ने कहा कि उनकी स्टडी में ज्यादातर मामलों में यह पाया गया कि ये बूंदें 6 फीट से ज्यादा दूर तक जा सकती हैं। इतनी दूरी अमेरिका की सीडीसी (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल) ने सुरक्षित बताई है। वहीं, घर और इमारतों के अंदर वॉक-इन फ्रिज और कूलर, या ऐसी जगहें जहां तापमान कम होता है और नमी ज्यादा, वहां ये बूंदें 6 मीटर (19.7 फीट) तक जा सकती हैं। इसके बाद यह जमीन पर गिरती हैं। उनका कहना है कि ऐसे में वायरस कई मिनट से लेकर एक दिन तक संक्रामक हो सकता है। झू ने कहा कि यह एक कारण हो सकता है कि कई जगहों पर मीटर प्रोसेसिंग प्लांट से कई लोगों को इन्फेक्शन की खबरें सामने आई हैं।वहीं, दूसरी ओर गर्म और सूखी जगहों पर ये बूंदें जल्दी भाप में बदल जाती हैं। ऐसे में ये पीछे वायरस के हिस्से छोड़ जाती हैं जो दूसरे एयरोसॉल से मिलती हैं। ये एयरोसॉल बोलने, छींकने, खांसने या सांस लेने से छोड़े गए होते हैं। स्टडी के लीड लेखक लेई झाओ का कहना है कि ये बेहद छोटे हैं, आमतौर पर 10 माइक्रॉन से भी छोटे। ये घंटों तक हवा में रहते हैं जिससे सांस लेने पर यह व्यक्ति को इन्फेक्ट कर सकते हैं। वैज्ञानिक बताते हैं कि गर्मियों में एयरोसॉल ट्रांसमिशन ज्यादा खतरनाक होता है और सर्दियों में ये बूंदें। इसके साथ ही यह समझने की जरूरत है कि अपनी जगह के तापमान और मौसम के हिसाब से लोगों को उचिव बचाव करना होगा जिससे वायरस को फैलने से रोका जा सके। वैज्ञानिकों का कहना है कि ठंडे और नम कमरों में सोशल डिस्टेंसिंग ज्यादा हो। उन्हें उम्मीद है कि इससे स्वास्थ्य नीतियां बनाने में सरकारों को मदद मिलेगी। ऐसी गाइडलाइन्स तैयार की जा सकेंगी जिनसे वायरस का फैलना कम किया जा सके। साथ ही मास्क को डिजाइन करने में भी मदद मिलेगी।
 मालूम हो ‎कि कोरोना वायरस फैलने के साथ ही इस बात की संभावना जताई जाने लगी थी कि गर्मियां आने के साथ वायरस खत्म हो जाएगा। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ और अब तक इससे दुनियाभर में करीब 11 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, यह वायरस एयरोसॉल पार्टिकल्स के जरिए गर्मियों में फैल रहा था। 
 

Related Posts