YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

वर्ल्ड

शोधकर्ताओं ने हर्ड इम्युनिटी को सिरे से ‎किया खारिज  -विशेषज्ञों ने कहा-एक और खतरा मोल लेने से बचें

शोधकर्ताओं ने हर्ड इम्युनिटी को सिरे से ‎किया खारिज  -विशेषज्ञों ने कहा-एक और खतरा मोल लेने से बचें

लंदन । कोरोना वायरस को लेकर अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं ने हर्ड इम्युनिटी को सिरे से खारिज कर दिया है। विशेषज्ञों ने कहा- महामारी को नियंत्रित करने के लिए हर्ड इम्युनिटी गलत रणनीति है। इससे पहले कुछ विशेषज्ञों ने कहा था कि कम जोखिम वाले युवाओं को वायरस से संक्रमित होने देना चाहिए। इससे हर्ड इम्युनिटी उत्पन्न होगी, लेकिन अब 80 अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं ने कहा है कि कोविड महामारी से निपटने के लिए हर्ड इम्युनिटी का विचार खतरनाक है। ऐसी रणनीति दोषपूर्ण है। इससे पहले शोधकर्ताओं ने हर्ड इम्युनिटी की जोरदार हिमायत की थी।
 उन्होंने कहा था कि हर्ड इम्युनिटी रणनीति के लिए कोविड प्रतिबंधों को खत्म किया जाना चाहिए। ऐसी रणनीति से युवा और स्वस्थ लोग सामान्य जीवन शुरू कर सकते हैं और वायरस के खिलाफ इम्युनिटी उत्पन्न कर सकते हैं। इस सुझाव पर हजारों विशेषज्ञों, डॉक्टरों और आम व्यक्तियों की सहमति का दावा किया गया था, लेकिन कुछ दिन पहले इस दस्तावेज को लेकर विवाद हो गया, क्योंकि इसमें तमाम लोगों के हस्ताक्षर फर्जी पाए गए। एक नए पत्र में कहा गया है कि हर्ड इम्युनिटी के सिद्धांत का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में जन स्वास्थ्य, वायरस विज्ञान और संक्रामक रोगों और अन्य वैज्ञानिक क्षेत्रों में कार्यरत विशेषज्ञ शामिल हैं। इनका कहना है कि युवाओं में कोविड 19 के अनियंत्रित प्रसार से समस्त आबादी के लिए खतरा पैदा हो जाएगा। दूसरी बात यह है कि हम अभी यह नहीं बता सकते कि कोविड बीमारी किसे ज्यादा प्रभावित करेगी और कौन सा वर्ग कम प्रभावित होगा। पत्र के लेखकों का कहना है कि नौजवानों और स्वस्थ लोगों में भी कोविड के दीर्घकालीन लक्षण दिखाई दिए हैं, जिन्हें-लोंग कोविड-भी कहा जाता है। इसके अलावा अभी तक इस बात का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है कि कोविड 19 से कुदरती रूप से संक्रमित होने के बाद लोगों में दीर्घकालीन स्थायी इम्युनिटी उत्पन्न हो जाती है।अत: ज्यादा लोगों को संक्रमित होने देने से महामारी खत्म नहीं होगी, बल्कि इससे बार-बार महामारियां उत्पन्न होंगी और स्वास्थ्य कर्मचारियों और अर्थव्यवस्था पर अनावश्यक बोझ बढ़ेगा।
पत्र में जापान, वियतनाम और न्यूजीलैंड जैसे देशों का हवाला दिया गया है। इन देशों ने दिखा दिया है कि सही जन स्वास्थ्य नीतियों से कोविड के प्रसार को नियंत्रित किया जा सकता है।दुनिया के कई देशों में कोविड का दूसरा दौर शुरू हो चुका है। ऐसे में हमें तत्काल निर्णायक कदम उठाने पड़ेंगे। फिलहाल संक्रमण को दबाने के लिए बंदिशों की दरकार है। इससे स्थानीय प्रकोप का पता लगाने और उसे रोकने के लिए फौरी कार्रवाई करने में मदद मिलेगी। 
 

Related Posts