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नए अध्ययन में दावा,  सात महीने बाद तक भी शरीर में मौजूद रहता एंटीबॉडी 

नए अध्ययन में दावा,  सात महीने बाद तक भी शरीर में मौजूद रहता एंटीबॉडी 

लंदन । नए अध्ययन में दावा किया गया है, कि किसी व्यक्ति के शरीर में कोरोना संक्रमण से लड़ने वाला एंटीबॉडी तत्व महामारी के लक्षण महसूस होने के बाद, शुरुआती तीन हफ्तों में काफी तेजी से विकसित होता है और बीमारी की चपेट में आने के सात महीने बाद तक भी यह शरीर में मौजूद रहता है। एंटीबॉडी शरीर का वहां तत्व है, जिसका निर्माण हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली वायरस को बेअसर करने के लिए करती है। कोरोना से संक्रमित 300 रोगियों और इससे उबर चुके 198 लोगों पर किए गए अनुसंधान में बात सामने आई है।अनुसंधान में पाया गया कि सार्स-कोव-2 वायरस की चपेट में आने वाले लोगों के शरीर में छह महीने बाद भी एंटीबॉडी तत्व सक्रिय रहा। वैज्ञानिकों ने अस्पतालों में 300 से अधिक कोविड-19 रोगियों और स्वास्थ्य कर्मियों, 2500 यूनिवर्सिटी कर्मचारियों और कोरोना संक्रमण से उबर चुके 198 स्वयंसेवकों के शरीर में एंटीबॉडी स्तर का अध्ययन किया। अनुसंधान में पता चला कि 90 प्रतिशत लोगों के शरीर में कोविड-19 की चपेट में आने के सात महीने बाद भी एंटीबॉडी पाया गया।
 

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