नई दिल्ली । कोरोना संक्रमण की वजह से इंडियन स्टार्टअप को फंडिग के मोर्चे पर परेशानी उठानी पड़ी है। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार भारतीय स्टार्टअप्स के लिए जल्द ही बड़ा ऐलान कर सकती है। खबर है कि अनलिस्टेड स्टार्टअप में निवेश करने वालों को 2 साल तक के लिए टैक्स में छूट मिल सकती है। महामारी के बाद से देशभर की स्टार्टअप कंपनियों को फंडिग की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार यह फैसला लेने वाली है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने चीन से आने वाले सभी निवेश पर सख्त पाबंदी लगा दी है। इसके बाद से घरेलू स्टार्टअप के पास फंडिग के लिए सीमित संसाधन बचे हैं। ऐसे में सरकार इस समस्या को दूर करने के लिए एक बड़ा कदम उठा सकती है। सूत्रों के अनुसार जो डोमेस्टिक निवेशक अनलिस्टेड स्टार्टअप में निवेश करते हैं, तो उनको दो साल के लिए एलटीसीजी टैक्स में छूट मिल सकती है। सरकार का उद्देश्य है कि जो भी घरेलू निवेशक अगर अनलिस्टेड स्टार्टअप में निवेश करते हैं, उन्हें कुछ इंसेंटिव दिया जाना चाहिए, ताकि आर्थिक संकट से संघर्ष कर रहे भारतीय स्टार्टअप्स को फंडिग के लिए परेशान नहीं होना पड़े।
लिस्टेड स्टार्ट अप में निवेश करने पर टैक्स छूट मिलती है, लेकिन अनलिस्टेड स्टार्ट अप में छूट नहीं मिलती है। संसद की स्टैंडिंग कमेटी इस पर राहत देने के लिए सरकार से पहले ही सिफारिश कर चुकी है। वित्त मंत्रालय इस प्रपोजल पर गंभीरता से विचार कर रहा है और जल्द ही इस बारे में कोई ऐलान किया जा सकता है। आम शब्दों में स्टार्टअप का मतलब नई कंपनी को शुरू करना होता। ऐसी कंपनियों को युवा बिजनेसमैन स्वयं या दो तीन लोगों के साथ मिलकर शुरू करते है।
शुरू करने वाला व्यक्ति ही कंपनी में शुरुआती पूंजी लगाने के साथ कंपनी का संचालन भी करता है। यह कंपनी अपेक्षाकृत नए प्रोडक्ट्स या सर्विस पर काम करती है, ऐसी सर्विसेज जो उस समय बाजार में उपलब्ध नहीं होती है। अगर सरकार की परिभाषा के तौर पर कहें तो स्टार्टअप वह कंपनी है जो भारत में बीते 5 साल के अंदर रजिस्टर हुई है और उसका टर्न ओवर किसी भी फाइनेंशियल ईयर में 25 करोड़ से अधिक नहीं रहा है। यह कंपनी इनोवेशन, डेवलपमेंट, डिप्लॉयमेंट, नए प्रोडक्ट्स का काम करती है।
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अनलिस्टेड स्टार्टअप में निवेश करने वालों को मिल सकती है दो साल के लिए टैक्स छूट