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एंटीबाडी हो रही बेअसर, कोरोना से उबर चुके लोग फिर हो सकते हैं संक्रमित

एंटीबाडी हो रही बेअसर, कोरोना से उबर चुके लोग फिर हो सकते हैं संक्रमित

लंदन । कोरोना वायरस से ठीक हुए लोग फिर से इस वैश्विक महामारी की चपेट में आ सकते हैं। ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके व्यक्ति को संक्रमण से बचाने वाले एंटीबॉडी तेजी से घट रहे हैं। जिसके कारण कोविड-19 संक्रमण से लंबे समय तक रोग प्रतिरोधक क्षमता बने रहने की उम्मीदें खत्म हो रही हैं।
पहले ऐसा माना जाता था कि एक बार कोरोना के संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों को दोबारा इसका खतरा कम होता है। इम्पीरियल कॉलेज लंदन के एक अध्ययन के तहत इंग्लैंड में 3,65,000 से अधिक लोगों की जांच की गई। इस अध्ययन में पाया गया है कि कोविड-19 के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस से रक्षा करने वाले एंटीबॉडी समय के साथ कम हो रहे हैं, जो संकेत देते हैं कि रोग प्रतिरोधक क्षमता केवल कुछ ही महीने बनी रह सकती है।
अध्ययन करने वाले अनुसंधानकर्ताओं में शामिल रहे प्रोफेसर वेंडी बार्कले ने कहा कि हर बार सर्दी के मौसम में लोगों को संक्रमित करने वाला कोरोना वायरस छह से 12 महीने बाद लोगों को फिर से संक्रमित कर सकता है। उन्होंने कहा कि हमें आशंका है कि कोविड-19 संक्रमण के लिए जिम्मेदार वायरस से संक्रमित होने पर भी शरीर इसी तरह प्रतिक्रिया देता है। इम्पीरियल कॉलेज लंदन में निदेशक पॉल इलियॉट ने कहा कि हमारे अध्ययन दर्शाते हैं कि समय के साथ उन लोगों की संख्या में कमी देखी गई है, जिनमें एंटीबॉडी हैं। अध्ययन में कहा गया है कि एंडीबॉडी कम होने के मामले युवाओं की अपेक्षा 75 साल और इससे अधिक आयु के लोगों में अधिक पाए गए हैं। वैज्ञानिकों ने हाल में ही कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोगों के शरीर से निकाले गए ब्लड प्लाज्मा की प्रभावी उम्र का पता लगाया है। कनाडा के क्यूबेक में एक रक्तदान केंद्र हेमा-क्यूबेक की रिसर्च टीम ने दावा किया है कि संक्रमण से ठीक हुए लोगों के खून से निकाले गए ब्लड प्लाज्मा की प्रभावी उम्र केवल 3 माह ही है। अगर इसके बाद किसी संक्रमित को इसकी डोज दी जाती है तो उसका कोई प्रभाव नहीं होगा।
 

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