
न्यूयार्क । वैज्ञानिकों ने कोरोना के मरीजों की हृदय की मांसपेशियों में तीन प्रकार की क्षति की पहचान की है, जिनका संबंध प्राणघातक खून के थक्कों और हृदयाघात से है। शोध के निष्कर्षों के जरिए संवेदनशील लोगों की बेहतर निगरानी संभव हो सकेगी। शोध के मुताबिक हृदय की इन असामान्य परिस्थितियों का संबंध अस्पतालों में भर्ती कोविड-19 के मरीजों की जान जाने के अत्यधिक जोखिम से जुड़ा है। शोध से चिकित्सकों को कोरोना से संक्रमित लोगों में हृदय संबंधी क्षति के बारे में बेहतर जानकारी मिल सकेगी। इस तरह वे जल्द पता लगा सकते हैं, कि किन मरीजों को जोखिम अधिक है और कौन सा उपचार कारगर होगा। इस शोध में वैज्ञानिकों ने टोपोनिन नाम के प्रोटीन का स्तर देखा। इस प्रोटीन का स्राव हृदय की मांसपेशी में क्षति पहुंचने पर होता है। इसमें इकोकार्डियोग्राम से हृदय में असामान्यता भी देखी गई। शोध में वैज्ञानिकों ने कोविड-19 से पीड़ित 305 मरीजों के हृदय का स्कैन देखा। इन मरीजों की औसत आयु 63 वर्ष थी। इनमें से 190 मरीजों के हृदय की कोशिकाओं में क्षति के लक्षण मिले।