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 चीनी लड़ाकू विमानों ने बनाया रिकॉर्ड, अक्टूबर में 25 दिन ताइवान में प्रवेश किया  - सबसे ज्यादा घुसपैठ की वारदात दक्षिण-पश्चिमी एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन में देखने को मिली 

 चीनी लड़ाकू विमानों ने बनाया रिकॉर्ड, अक्टूबर में 25 दिन ताइवान में प्रवेश किया  - सबसे ज्यादा घुसपैठ की वारदात दक्षिण-पश्चिमी एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन में देखने को मिली 

ताइपे । अमेरिका से घातक हथियारों की डील से भड़के चीन ने ताइवान में अपने फाइटर जेट भेजने की संख्या तो अचानक बढ़ा दिया है। अक्टूबर में कुल 25 दिन चीन के लड़ाकू विमानों ने ताइवानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया था। बड़ी बात यह थी कि हर बार उन्हें ताइवान के फाइटर जेट ने अपनी वायुसीमा से बाहर खदेड़ा था। इसी के साथ एक महीने में चीनी एयरफोर्स के जहाजों का ताइवान में घुसपैठ करने का रिकॉर्ड बन गया है। ताइवान के एक स्थानीय न्यूजपेपर के अनुसार अक्टूबर में कम से कम 25 दिन चीन के विमानों ने ताइवान की वायुसीमा में प्रवेश किया था। इस दौरान ताइवान की वायुसेना ने पीएएलए के जहाजों को 84 बार रेडियो के जरिए चेतावनी देकर भगाया था। सबसे ज्यादा घुसपैठ की वारदात दक्षिण-पश्चिमी एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन में देखने को मिली है। 
ताइवान के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, घुसपैठ करने वाले चीन के जहाजों में वाई-8 एंटी सबमरीन प्लेन सबसे ज्यादा बार शामिल रहा है। ये विमान समुद्र में सतह के ऊपर और पानी के नीचे की गतिविधियों को ट्रैक करने में माहिर हैं। हालांकि, अमेरिका के पास कई ऐसी पनडुब्बियां हैं जिनका पता चीन का कोई भी एंटी सबमरीन वारफेयर सिस्टम नहीं लगा सकता है। रविवार सुबह को भी चीन के एक विमान ने ताइवान में घुसपैठ की थी। पिछले हफ्ते चीन के रक्षा प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल वू छयेन ने ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि चीन और अमेरिका की सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने फोन पर बातचीत की थी। दोनों अधिकारियों ने संपर्क को मजबूत करने, मतभेदों और असहमतियों का उचित तरीके से प्रबंधन करने और साझे हित वाले क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करने पर सहमति जताई थी। अमेरिकी विदेश विभाग ने अक्टूबर में घोषणा की थी कि उसने ताइवान को उसकी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए 135 टारगेटेड ग्राउंड अटैक मिसाइल, सैन्य उपकरण और प्रशिक्षण संबंधी चीजों की बिक्री को हरी झंडी दे दी है। विभाग ने एक बयान में कहा था है कि यह सौदा एक अरब डॉलर से अधिक का है। बताया जा रहा है कि इन मिसाइलों को बोइंग ने बनाया है।
 

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