
गुर्जर समाज ने अपनी आरक्षण की मांग लेकर एक बार पुन: मोर्चा संभाल लिया है। गुर्जर नेता किरौड़ी सिंह बैंसला अपने समर्थकों के साथ शुक्रवार से राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले में ट्रेन की पटरियों पर बैठे हैं। उन्होंने शनिवार को कहा कि गुर्जर समुदाय की मांग को पूरा करना पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम अशोक गहलोत के लिए बड़ा काम नहीं होना चाहिए। बैंसला ने इस बार के आंदोलन को आर-पार की लड़ाई बताया है। वहीं, ट्रैक पर जारी प्रदर्शन के कारण कई रेल यातायात पर काफी असर पड़ा है। बैंसला ने कहा, हमारे पास अच्छे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री हैं। हम चाहते हैं कि वे गुर्जर समुदाय की मांगें सुनें। उनके लिए आरक्षण देना कोई बहुत बड़ा काम नहीं है। उन्होंने शुक्रवार को कहा था, राज्य सरकार (अशोक गहलोत सरकार) को अपने वादे पर खरा उतरना चाहिए। हालात बदल गए हैं, इस बार हम चूकेंगे नहीं। बैंसला का कहना है कि चीजें जल्दी बदल रही हैं। वह खुद नहीं आए हैं बल्कि लोग उन्हें रेलवे ट्रैक तक लेकर आए हैं। विरोध शांतिपूर्वक किया जाएगा। प्रदर्शन के कारण पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा डिविजन की 7 गाड़ियों के रूट बदले गए हैं, एक रद्द कर दी गईं और कुछ को गंतव्य स्टेशन से पहले ही रोक दिया गया है। इस बारे में जानकारी उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अभय शर्मा ने दी।
कानून-व्यवस्था बनी रहे इसके लिए भरतपुर पुलिस रेंज में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है जिसके तहत सवाईमाधोपुर आता है। भरतपुर रेंज के इंस्पेक्टर जनरल भूपेंद्र साहू ने बताया, 'राजस्थान आर्मी कॉन्स्टेबलरी' (RAC) की 17 कंपनियों, जिसमें एक स्पेशल टास्क फोर्स भी शामिल है, उन्हें रेंज में तैनात कर दिया गया है। वहीं, गहलोत सरकार का कहना है कि वह बात करने के लिए तैयार है। कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह, सामाजिक न्याय मंत्री मस्टर भंवर लाल और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की एक समिति प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए बनाई गई है। ज्ञात हो कि बुधवार को उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा था, पांच प्रतिशत के गुर्जर आरक्षण में जो कानूनी अड़चनें आई हैं। केंद्र को उनका समाधान निकालने के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने दावा किया था कि राज्य सरकार और पार्टी गुर्जर आरक्षण के मुद्दे पर प्रतिबद्ध है और न्याय दिलाकर मानेगी।