
लंदन । दवा कंपनी फाइजर ने दावा किया है कि तीसरे चरण में कोरोना वैक्सीन 90 फीसदी से ज्यादा असरदार साबित हुई है। फाइजर के अध्यक्ष और सीईओ अल्बर्ट बोरला ने एक बयान में कहा कि हमारे तीसरे चरण के परीक्षण से कोविड -19 को रोकने के लिए हमारे टीके की क्षमता का पता चला है। साथ ही कंपनी की तरफ से कहा गया है कि आपूर्ति अनुमानों के आधार पर 2020 में वैश्विक स्तर पर 50 मिलियन वैक्सीन खुराक और 2021 में 1.3 बिलियन खुराक तक आपूर्ति करने की उम्मीद है।
हालाँकि कोरोना वायरस वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर भले ही कोई स्पष्ट तारीख नहीं दी गई हो, वैक्सीन लगाने की तैयारियां की जा रही हैं। ब्रिटेन में अस्पतालों को अगले तीन हफ्तों के भीतर वैक्सीन रोलआउट करने की तैयारी करने को कहा गया है। पिछले हफ्ते एक मीटिंग में कहा गया कि यह महीना खत्म होने से पहले वैक्सीन का डिस्ट्रीब्यूशन किया जा सकता है। शुरू में वैक्सीन केयर होम रेजिडेंट्स, 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को दी जाएगी। सूत्रों के अनुसार वैक्सीन दो डोज में दी जाएगी, तीन से चार हफ्तों के अंतर पर। वैक्सीन कहां-कहां दी जाएगी, उसकी लिस्ट तैयार की जा चुकी है। यूके की सरकार ने छह अलग-अलग वैक्सीन निर्माता कंपनियों से 35 करोड़ डोज की डील की है। इनमें से ऑक्सफर्ड और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन और फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन सबसे विश्वसनीय मानी जा रही हैं।
पिछले हफ्ते यूके की वैक्सीन टास्क फोर्स की चीफ केट बिंघम ने कहा था कि रेगुलेटर्स वैक्सीन को सेफ घोषित करते हैं तो वह साल के अंत तक उपलब्ध हो सकती है। नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) इंग्लैंड ने डॉक्टर्स से कहा है कि उन्हें हर वैक्सीन की डोज लगाने के 12.58 पौंड मिलेंगे। यह इन्फ्लुएंजा वैक्सीन के मुकाबले 25 फीसदी ज्यादा है। चिकित्सकों ने कहा है कि अगर वैक्सीन अप्रूव होती है तो वे हफ्ते में सातों दिन, रोज 12 घंटे काम करने के लिए तैयार रहें।
ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन भारत में 'कोविशील्ड' के नाम से उपलब्ध होगी। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया इसका फेज 3 ट्रायल कर रही है। अगर यूके में इस वैक्सीन को रेगुलेटर्स मंजूरी देते हैं तो यह भारत के लिए भी अच्छी खबर होगी। हालांकि वैक्सीन भारतीय मार्केट में तभी उपलब्ध होगी जब ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ट्रायल से जुड़ा सारा डेटा जांच लेंगे और वैक्सीन को अप्रूवल देंगे। यूके ही नहीं, भारत समेत दुनिया के कई देशों ने वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन और एडमिनिस्ट्रेशन की तैयारियां तेज कर दी हैं।
फरवरी 2021 तक वैक्सीन उपलब्ध होने की बात सरकारी अधिकारी कह रहे हैं। ऐसे में वैक्सीन को जुलाई 2021 तक 25-30 करोड़ भारतीयों को उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। इसके लिए पहले से मौजूद वैक्सीन इन्फ्रास्ट्रक्चर के पेच कसे जा रहे हैं। भारत में कोरोना टीकाकरण में तकनीक का जमकर इस्तेमाल किया जाएगा।