
नई दिल्ली । अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम लगातार जो बाइडन के हक में जा रहे हैं। जॉर्जिया के परिणामों में भी बाइडन को सफलता मिली है। जॉर्जिया में बाइडन और नॉर्थ कैरोलीना में डोनाल्ड ट्रंप का दबदबा कायम रहा है। जॉर्जिया की जीत मिलने के बाद बाइडन के खाते में 16 इलेक्टोरल वोट और जुड़ गए हैं।
इसके बाद उन्हें मिले कुछ वोटों की गिनती बढ़कर 306 हो गई है। इस तरह से बाइडन ने 2016 में ट्रंप को मिले वोटों की बराबरी कर ली है। करीब तीन दशकों तक रिपब्लिकन का गढ़ कहलाने वाला जॉर्जिया अब डेमोक्रेट का हो गया है। इससे पहले 1992 में बिल क्लिंटन ने यहां से जीत हासिल की थी। इस तरह से वह इन तीन दशकों के दौरान बाइडन यहां से जीतने वाले पहले प्रत्याशी हैं।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव में हार होने के बाद भी मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इसे मानने को तैयार नहीं हैं। वह लगातार बाइडन पर चुनाव में धांधली का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने व्हाइट हाउस को बाइडन के लिए खाली करने से भी इनकार कर दिया है। ट्रंप के समर्थक भी बाइडन के खिलाफ अब सड़कों पर उतरकर अपना विरोध जता रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव में बहुत बड़ी हार नहीं मिली है। उन्होंने बाइडन को कड़ी टक्कर दी है। उनके मुताबिक ट्रंप 2024 के चुनाव में दोबारा मैदान में दिखाई दे सकते हैं। बहरहाल, ऐसा पहली बार है कि चुनाव में हार के बाद भी कोई राष्ट्रपति इस तरह की बयानबाजी कर रहा है। बाइडन को जीत के बाद लगभग पूरी दुनिया से बधाई संदेश मिले हैं। चीन और रूस दोनों ने उन्हें यह कहते हुए कोई बधाई नहीं दी है कि अभी चुनाव परिणाम साफ नहीं हुए हैं।
एक तरफ जहां रूस ट्रंप को ही दोबारा राष्ट्रपति बनते हुए देखना चाहता था, जबकि चीन बाइडन के पक्ष में था। कहा जाता है कि दोनों ने पर्दे के पीछे से अपनी पसंद के प्रत्याशी को जिताने के लिए पूरी कोशिश भी की है। माना जा रहा है बाइडेन के सत्ता में आने के बाद भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों में कोई बदलाव नहीं आएगा। उन्होंने अपनी चुनावी सभाओं में कहा है कि वे भारत के साथ और बेहतर संबंध विकसित करेंगे और विभिन्न क्षेत्रों में पारस्परिक संबंधों को बढ़ावा देंगे।