
बीजिंग । विश्व को घातक वायरस कोविड-19 का असहनीय दर्द देने वाले चीन पर शुरू से ही आरोप लग रहे हैं कि उसने जानबूझकर कोरोना का सच छिपाया। अब जब दुनिया के सामने उसकी पोल खुल गई है तो चीन की बौखलाहट साफ झलक रही है। दरअसल, हुबेई प्रांत के वुहान शहर में कोरोना वायरस महामारी पर रिपोर्टिंग करने वाली एक महिला पत्रकार को चीन महीनों से जेल में बंद कर रखा है। महिला पत्रकार को पांच साल जेल की सजा का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि उस पर कोरोना वायरस को लेकर गलत जानकारी फैलाने का आरोप तय हो गया है और 4 से पांच साल की जेल की सजा की सिफारिश की गई है।
37 साल की महिला पत्रकार झांग झान को कोरोना महामारी पर स्टोरी कवर करने के दौरान वहां की स्थानीय पुलिस ने मई में गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद उन्हें शंघाई ले जाया गया। बता दें कि कोरोना का सबसे पहला मामला इसी वुहान शहर में आया था। इस सप्ताह जारी किए गए अभियोग पत्र के अनुसार, झांग पर आरोप है कि उन्होंने झगड़ा किया और प्रशासन के लिए मुश्किलें पैदा कीं। इसके अलावा, महामारी को लेकर मनगढ़ंत खबरें फैलाले का आरोप है। ज्ञात हो कि ये आरोप चीन में कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के खिलाफ अक्सर लगाए जाते हैं और इसी के तहत उन्हें जेल भेजा जाता है।
बताया जाता है कि पत्रकार झांग ने कोरोना महामारी की रिपोर्ट करने के लिए फरवरी की शुरुआत में शंघाई से वुहान की यात्रा की थी। चाइनीज ह्यूमन राइट्स डिफेंडर्स ने कहा कि महिला पत्रकार झांग फरवरी में वुहान गई थीं। इस दौरान उन्होंने न सिर्फ कोरोना वायरस महामारी को लेकर कई रिपोर्टें कीं, बल्कि स्वतंत्र पत्रकारों को हिरासत में रखे जाने की घटना को लेकर भी स्टोरी की। इसके अलावा, उन पीड़ित परिवारों के चीनी उत्पीड़न पर भी रिपोर्ट की, जो अपने परिजनों को खोने के बाद वीचैट, ट्विटर और यूट्यूब के माध्यम से प्रशासन से जवाबदेही की मांग कर रहे थे।
सीएचआरडी के एक बयान में कहा गया है कि पुलिस ने झांग को 14 मई को हिरासत में लिया और उसे वापस शंघाई ले गई, जहां उसे 15 मई को झगड़ा करने और परेशानी पैदा करने के आरोप में आपराधिक हिरासत में रखा गया था। 19 जून को झांग को आधिकारिक तौर पर गिरफ्तार किया गया और 18 सितंबर, 2020 को उन्हें आपराधिक रूप से दोषी ठहराया गया। इसके अलावा, झांग पर मुकदमा चलाने के लिए मामले को पुडोंग न्यू डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया।