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 21वीं सदी में भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रही है दुनियाः पीएम मोदी

 21वीं सदी में भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रही है दुनियाः पीएम मोदी

‘कार्बन उत्सर्जन को 30 से 35 फीसदी तक कम करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा भारत’ पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी का आठवां दीक्षांत समारोह प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विभिन्न सुविधाओं का किया शिलान्यास व उद्घाटन

अहमदाबाद| प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युवा छात्रों को प्रेरणा देते हुए कहा कि 21वीं सदी में दुनिया भारत की ओर आशा और अपेक्षा भरी नजरों से देख रही है वहीं भारत की आशा व अपेक्षा युवा पीढ़ी के साथ जुड़ी हुई है। उन्होंने इन आशा और अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए युवा शक्ति को ‘राष्ट्र प्रथम’ और ‘हर काम राष्ट्र का काम’ की भावना से आगे बढ़ने का अनुरोध किया। शनिवार को गांधीनगर में आयोजित पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी (पीडीपीयू) के आठवें दीक्षांत समारोह को नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21वीं सदी की युवा शक्ति को पूर्वाग्रह से मुक्त होकर ‘क्लीन स्लेट’ और ‘क्लीन हार्ट’ के साथ भारत माता को विश्व स्तर पर अग्रणी बनाने के लिए योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि ‘कुछ भी नहीं बदलने वाला’ की मानसिकता या पूर्वाग्रह से बाहर आकर नियमित रूप से बदलाव के निरंतर प्रयासों से लंबी अवधि कापरिणामदायी क्षमता निर्माण हो सकता है। इस अवसर पर उन्होंने वर्चुअल तरीके से 45 मेगावाट की उत्पादन क्षमता वाले ‘मोनोक्रिस्टलाइन सोलर फोटो वोल्टाइक पैनल’ और ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन वाटर टेक्नोलॉजी’ का शिलान्यास किया। उन्होंने यूनिवर्सिटी में ‘इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन सेंटर – टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेशन’, ‘ट्रांसलेशनल रिसर्च सेंटर’ और ‘स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स’ का उद्घाटन भी किया। दीक्षांत समारोह में 54 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल तथा 43 को पीएचडी की उपाधि सहित कुल 2608 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई। यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ गवर्नेंस के अध्यक्ष मुकेश अंबानी, शिक्षा मंत्री भूपेन्द्रसिंह चूड़ास्मा, संस्था की स्थायी समिति के चेयरमैन डी. राजगोपालन, महानिदेशक प्रो. सुंदर मोहन तथा अध्यापकों सहित उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थी समारोह में शामिल थे। 
प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि जब दुनिया इतने बड़े संकट का सामना कर रही है, तब ग्रेजुएट होना सरल बात नहीं है। लेकिन आपमें इन चुनौतियों से कहीं अधिक क्षमता है। उन्होंने कहा कि दुनिया महामारी का सामना कर रही है ऐसे में विद्यार्थी उद्योग में प्रवेश कर रहे हैं और दुनिया भर में ऊर्जा क्षेत्र में बड़े बदलाव आकार ले रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत संपूर्ण ऊर्जा क्षेत्र वृद्धि, उद्यमिता और रोजगार के लिए विपुल संभावनाओं से भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि अभी भारत कार्बन उत्सर्जन को 30 से 35 फीसदी कम करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है और इस दशक में हमारी ऊर्जा जरूरतों में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी 4 गुना बढ़ाने के प्रयास हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में ऑयल रिफाइनिंग यानी तेल शोधन क्षमता को दोगुना करने पर काम चल रहा है। ऊर्जा सुरक्षा से संबंधित स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत बनाया गया है तथा विद्यार्थियों और व्यावसायिकों के लिए विशेष कोष आवंटित किया गया है। मोदी ने कहा कि जब इस यूनिवर्सिटी की स्थापना हुई तब पेट्रोलियम क्षेत्र में विशेषज्ञ युवा शक्ति को जोड़ने और करियर निर्माण की मंशा थी। लेकिन अब, पिछले दशक में पेट्रोलियम सेक्टर के साथ-साथ ऊर्जा क्षेत्र में भी यूनिवर्सिटी का योगदान अहम रहा है और दायरे का विस्तार हुआ है। उन्होंने इस संदर्भ में गुजरात सरकार को सुझाव भी दिया कि विकसित होते दायरे को ध्यान में रखते हुए पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी को एनर्जी यूनिवर्सिटी के रूप में भी सरकार विकसित करे। प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों को जीवन में उद्देश्य-लक्ष्य रखने की नसीहत दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि, ‘ऐसा नहीं है कि सफल लोगों के जीवन में कोई समस्याएं नहीं होती। लेकिन जो लोग इन चुनौतियों का सामना करते हैं, उसे हराते हैं और समस्याओं का समाधान करते हैं, उन्हें ही सफलता मिलती है।’ उन्होंने कहा कि वर्ष 1922 से 1947 तक देश की आजादी के लिए अनेक युवाओं ने अपना सब कुछ त्याग दिया था। आज की पीढ़ी के विद्यार्थियों को देश के लिए जीने और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में शामिल होने तथा जिम्मेदारी की भावना विकसित करने की अपील भी उन्होंने की। मोदी ने तेज तर्रार युवा पीढ़ी से ही सक्षम और सबल राष्ट्र निर्माण की संभावना पर रोशनी डालते हुए कहा कि वर्ष 2022 में जब देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होंगे, ऐसे में यह युवा पीढ़ी भी सौभाग्यशाली है कि उनके जीवन के 25 वर्ष भी उसी के आसपास पूरे होंगे। उन्होंने कहा कि सफलता के बीज जवाबदारी की भावना में निहित होते हैं और जवाबदारी की भावना जीवन का उद्देश्य बन जानी चाहिए। उन्होंने ध्यान दिलाया कि जो लोग जवाबदारी की भावना के साथ कुछ करते हैं, उन्हें जीवन में सफलता मिलती है। जो लोग असफलत होते हैं, वे ऐसे लोग होते हैं जो काम को बोझ समझकर जीते हैं। उन्होंने कहा कि जवाबदारी की भावना व्यक्ति के जीवन में अवसरों को लपकने की समझबूझ पैदा करती है। उन्होंने प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री ने वर्तमान पीढ़ी को बिना किसी पूर्वाग्रह (क्लीन स्लेट) के साथ आगे बढ़ने का आग्रह किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि क्लीन स्लेट और क्लीन हार्ट (पूर्वाग्रह मुक्त और स्वच्छ हृदय) यानी स्पष्ट इरादे और नेक नीयत। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युवा विद्यार्थियों से अपील करते हुए कहा कि अब आगे के पेशेवर जीवन में वे सफलता के शिखर तय करें तब वे उनके जीवन में छोटा-बड़ा योगदान देने वाले हर किसी का ऋण राष्ट्र हित और समाज हित को केंद्र में रखते हुए चुकाएं। 
 

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