
जेनेवा । अमेरिका में एक्सपर्ट्स के ऑक्सफ़ोर्ड - एस्ट्राजेनेका वैक्सीन पर चिंता जाहिर करने के बाद ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ-साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैज्ञानिकों ने इसकी सुरक्षा और असर का आकलन करने के लिए और ज्यादा डेटा की जरूरत बताई है। ऑक्सफ़ोर्ड - एस्ट्राजेनेका की कोरोना वायरस वैक्सीन को घातक महामारी से बचने का सबसे असरदार हथियार माना जा रहा था।
ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रफेसर सर जॉन बेल ने बताया है, 'प्रेस रिलीज के जरिए साइंटिफिक नतीजों के ऐलान में समस्या रहती है और वह समस्या यह है कि आपके पास पूरा डेटा नहीं होता है और लोग सही से डेटा को देख-समझ नहीं पाते हैं।'
विश्व स्वास्थ्य संगठन में इम्यूनाइजेशन, वैक्सीन और बायलॉजिकल्स डायरेक्टर केट ओ ब्रायन ने भी कहा है, 'प्रेस रिलीज में सिर्फ सीमित जानकारी दी जा सकती है और वैक्सीन इम्यून रिस्पॉन्स कैसे पैदा करती है, इसकी तरह और भी ज्यादा जानकारी चाहिए होती है।' जेनेवा मुख्यालय में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान केट ने बताया कि प्रेस रिलीज के बारे में जो समझा जा रहा है, उसमें काफी दिलचस्प चीज पाई गई है लेकिन जो अंतर देखे गए हैं उनके पीछे कई कारण हो सकते हैं।