
टोक्यो । जीवटता और ज्ञान को समेटे जापान ने कुदरत की मार को झेलकर भी हमेशा उठ खड़ा हुआ है। सुनामी और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं की तबाही भी इस देश के शांतिप्रिय लोगों का हौसला नहीं तोड़ सकी है। यहां की बड़ी आबादी के दिल में भारत में जन्मे महात्मा बुद्ध समाए हैं। भारत और जापान के रिश्ते हमेशा से मजबूत और स्थिर रहे हैं। जापानी संस्कृति पर बुद्धिज्म का प्रभाव साफ देखा जा सकता है। भारत में जन्मा बौद्ध धर्म जापान की बड़ी आबादी का धर्म है, इसलिए वे भारत को हमेशा सम्मान की दृष्टि से देखते हैं।
आजादी की लड़ाई में भी जापान की शाही सेना ने सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज को सहायता दी थी। लंबे समय तक जापान में रहकर बोस ने देश की आजादी के लिए कड़े प्रयास किए थे। फिर आजादी के बाद से अब तक दोनों देशों के बीच रिश्ते काफी अच्छे रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 1991 में वित्तमंत्री रहते हुए आर्थिक सुधार और दक्षिण एशियाई देशों के बीच सामरिक संबंधों को बढ़ाने के लिए लुक ईस्ट नीति लेकर आए। वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भारतीय उपमहाद्वीप से बाहर विदेश यात्रा के लिए सर्वप्रथम जापान को का ही चुनाव किया।
जापान की सोनी, ट्योटा और होंडा जैसी कई बड़ी कंपनियों की उत्पादन इकाइयां भारत में हैं। उनका भारत के आर्थिक विकास में अहम योगदान है। मोटर वाहन निर्माता कंपनी सुज़ुकी भारत की कंपनी मारुति सुजुकी के साथ मिलकर कारों का उत्पादन करती है और भारत की सबसे बड़ी मोटर कार निर्माता कंपनी है। होंडा कुछ ही दिन पहले तक हीरो होंडा (अब हीरो मोटोकॉर्प) के रूप में हीरो कंपनी के पार्टनर के रूप में कार्य करती रही है, जो कभी दुनिया की सबसे बड़ी मोटरसाइकिल विक्रेता कंपनी थी।
जापान में बौद्ध धर्म के चलते यहां भारत के साथ सांस्कृतिक संबंध बहुत गहरे हैं। जापान के ओसामु तेजुका ने 1972 से 1983 तक बुद्ध की जीवनी लिखी। हाल ही में, जापान ने नालंदा विश्वविद्यालय के पुनर्निर्माण का भी समर्थन किया। यही नहीं तमिल फिल्में जापान में बहुत लोकप्रिय हैं और रजनीकांत जापान में सबसे लोकप्रिय भारतीय स्टार हैं। हाल के दशकों में जापानी लोगों के बीच बॉलीवुड अधिक लोकप्रिय हो गया है।