
लंदन । वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) ने यात्रा के लिए इम्युनिटी पासपोर्ट जारी करने की सिफारिश नहीं की है। कोरोना से ठीक हो चुके लोगों को कुछ देश इस तरह के पासपोर्ट जारी कर रहे हैं। इस बारे में डब्ल्यूएचओ ने साफ किया कि पासपोर्ट की जगह संगठन ई-वैक्सीन सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। उधर अमेरिका ने भी वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जारी करने पर सहमति जताई है। बता दें कि चीन के वुहान में क्यूआर कोड के जरिए इस तरह की व्यवस्था पहले से ही काम कर रही है।
कोपनहेगन में डब्ल्यूएचओ के एक मेडिकल एक्सपर्ट ने कहा- हम कोविड-19 के रिस्पॉन्स में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने के बारे में सोच रहे हैं। ई-वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट इनमें से एक है।बता दें कि दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 6.52 करोड़ के पार हो गया। हालांकि 4 करोड़ 51 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 15 लाख 6 हजार से ज्यादा लोग संक्रमण से अपनी जान गंवा चुके हैं। इटली में संक्रमण से एक ही दिन में 993 लोगों की मौत हो गई है। देश के अस्पतालों में हालात खराब हो रहे हैं। ज्यादातर अस्पतालों को अगर यही हालात रहे तो मेकशिफ्ट वॉर्ड बनाने होंगे। इस बीच इटली सरकार ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री गिसेप कोन्टे ने कहा कि क्रिसमस और न्यू ईयर पर आधी रात को होने वाली पार्टियां नहीं होंगी। एक शहर से दूसरे शहर तक यात्रा नहीं करे सकेंगे। पीएम ने कहा- महामारी शुरू होने के बाद एक दिन में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। इसलिए हम किसी तरह की ढील नहीं दे सकते। नए प्रतिबंधों के तहत सिर्फ वर्कर्स को कहीं आने-जाने की मंजूरी दी जाएगी। उधर कोरोना वैक्सीन को लेकर सोशल मीडिया पर तमाम तरह के दावे और वादे किए जा रहे हैं। अब फेसबुक ने इन मामलों पर सख्ती से एक्शन लेने का दावा किया है।
फेसबुक ने एक बयान में कहा कि कई लोग वैक्सीन को लेकर गलत बातें फैला रहे हैं और यह आम लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। अब हर उस दावे की जांच की जाएगी जो इस बारे में किया जा रहा है। हम यही कोशिश करेंगे कि लोगों तक सिर्फ सही जानकारी पहुंचे। इंटरपोल ने बुधवार रात एक ग्लोबल अलर्ट जारी किया,। इसमें सभी देशों से कहा गया है कि कोविड-19 के दौर में कुछ लोग संगठित अपराध में शामिल हो रहे हैं और ये नकली कोरोना वैक्सीन सप्लाई कर सकते हैं। पेरिस मुख्यालय से जारी बयान में एजेंसी ने कहा कि उसने इस बारे में 194 देशों को अलर्ट जारी किया है। इसमें कहा गया है कि वे इस बात को तय करें कि किसी तरह की नकली वैक्सीन लोगों तक न पहुंच पाए। इसके लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भी नजर रखें। इसके लिए वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों और जांच एजेंसियों के बीच तालमेल होना जरूरी है।