
जकार्ता । दुनिया के इस्लामिक देशों में शुमार इंडोनेशिया में पुलिस के साथ हुई झड़प में एक कट्टरपंथी मौलाना के आधा दर्जन समर्थक मारे गए। जकार्ता पुलिस प्रमुख फादिल इमरान ने बताया कि इस मुठभेड़ में मारे गए छह संदिग्ध कट्टरपंथी इंडोनेशियाई इस्लामिक धर्मगुरू रिजीक शिहाब के समर्थक थे। खबर के मुताबिक, रिजीक शिहाब के ऊपर पोर्नोग्राफी में लिप्त रहने और देशद्रोह का आरोप है। लंबे समय तक सऊदी अरब में निर्वासन की जिंदगी बिताने के बाद उनकी हाल में ही इंडोनेशिया वापसी हुई है। रिजीक शिहाब को इंडोनेशिया के कट्टरवादी मौलवी के रूप में जाना जाता है। वे रूढ़िवादी इस्लामी समूह इस्लामिक डिफेंडर फ्रंट (एफपीआई) के प्रमुख भी हैं। इस संगठन का इंडोनेशिया में काफी प्रभाव भी है। पोर्नोग्राफी और देशद्रोह का आरोप लगने के बाद उन्होंने 2017 में इंडोनेशिया को छोड़कर सऊदी अरब में शरण ले ली थी। मौलवी के समर्थकों का कहना है कि उनके ऊपर गलत और झूठे आरोप लगाए गए थे, लेकिन उन्होंने कानून का सामना करने के बजाए देश छोड़कर भागना उचित समझा था।
कट्टरपंथी इस्लामिक धर्मगुरु इंडोनेशिया लौटते ही फिर से विवादों में भी घिर गए। जकार्ता हवाई अड्डे पर उनका स्वागत करने के लिए सफेद रंग के इस्लामी कपड़े पहने हजारों की संख्या में भीड़ इकट्ठा हो गई। इन दिनों इंडोनेशिया में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के कारण किसी भी तरह की भीड़ पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इतना ही नहीं, उनके समर्थकों के बीच रिजीक शिहाब के हाथ को चूमने के लिए होड़ भी देखी गई।