
नई दिल्ली । आप और हम एक सप्ताह में एक डेबिट या क्रेडिट कार्ड जितना प्लास्टिक खा रहे हैं। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंटरनेशनल द्वारा 2019 के एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। अध्ययन में बताया गया है कि जिन चीजों का हम खाने के रूप में इस्तेमाल करते हैं उसमें मुख्य रूप से संक्रमित पीने के पानी और शेलफिश जैसे भोजन के माध्यम से, हमारे पूरे पाचन तंत्र में प्लास्टिक जा रहा है।
इतना ही नहीं हम एक साल में फायरमैन के हेलमेट में जितनी मात्रा में प्लासिटक लगी होती है, उतना खा लेते हैं। यह आपको बहुत ज्यादा नहीं लग सकता है, लेकिन अगर इसे जोड़ा जाए तो एक दशक में हम 2.5 किलोग्राम प्लास्टिक (5.5 पाउंड) खा लेंगे, जो प्लास्टिक के पाइप के दो बड़े आकार के टुकड़ों के बराबर होगा।
अगर इसे पूरे जीवनकाल में देखें तो हम लगभग 20 किलोग्राम (44 पौंड) माइक्रोप्लास्टिक का उपभोग करते हैं। पिछले 50 वर्षों में सस्ती डिस्पोजेबल उत्पादों के व्यापक उपयोग के साथ प्लास्टिक उत्पादन में वृद्धि हुई है। प्लास्टिक बायोडिग्रेडेबल नहीं है, लेकिन छोटे टुकड़ों में टूट जाता है, यह अंततः हर जगह, अव्यवस्थित समुद्र तटों और समुद्री वन्यजीवों के साथ-साथ खेतों में जाकर मिल जाता है। दक्षिणी इंग्लैंड में साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान के प्रोफेसर, मैल्कम हडसन ने वन्यजीव संरक्षित तटरेखा पर मनके जैसे प्लास्टिक के छर्रों को दिखाया जो हर जगह प्लास्टिक के पहुंच जाने की एक निशानी है। हडसन का कहना है कि इन माइक्रोप्लास्टिक्स पर कई शोध किए गए हैं, लेकिन पर्यावरण में नैनोप्लास्टिक्स नामक छोटे कणों की मात्रा भी बढ़ रही है, जिनका पता लगाना कहीं अधिक कठिन है। यह हमारे रक्त या लसीका प्रणाली में जा रहा है और हमारे अंगों को बीमार कर रहा है।