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इजरायल की जेल में कैद आतंकी 'स्पर्म स्मगलिंग' से अपनी पत्नियां को कर रहे प्रिग्नेंट

इजरायल की जेल में कैद आतंकी 'स्पर्म स्मगलिंग' से अपनी पत्नियां को कर रहे प्रिग्नेंट

तेल अवीव । आतंकवादियों की मानसिकता किस तरह से दिमाग पर हावी हो रही है कि वे इसके लिए अपनी आगे की पीढ़ी को भी इसी घिनौनी विरासत को सौंपने के लिए संलग्न है ऐसा ही कुछ इजरायल की जेल में कैद आतंकी कर रहे हैं। अब वे अपनी पत्नियों को स्पर्म की स्मगलिंग कर गर्भवती कर रहे हैं। इससे न केवल आतंकियों की वंशवृद्धि हो रही है, बल्कि भविष्य में इजरायल के लिए और खतरा भी पैदा हो रहा है। ज्ञात हो कि इजरायल में आतंकवाद के आरोप में बंद कैदियों को वैवाहिक मुलाकात की अनुमति नहीं दी जाती है। इस कारण ये आतंकी डिब्बों में अपने स्पर्म की स्मगलिंग कर पत्नियों के पास पहुंचा रहे हैं। वैवाहिक मुलाकात में कैदियों को अपनी पत्नियों के साथ कुछ घंटे अकेले में मिलने की छूट दी जाती है। जिस कारण जेल अधिकारियों की आंख के नीचे कैदियों की पत्नियां गर्भवती होती हैं। आतंकियों को यह सुविधा न मिलने के कारण उनके लिए स्पर्म स्मगलिंग ही एकमात्र तरीका रह गया है। हालांकि, इजरायल की हाई सिक्योरिटी जेल के अंदर से आतंकियों की हर कोशिश सफल नहीं होती है।
1986 में पॉपुलर फ्रंट ऑफ द लिबरेशन ऑफ फिलिस्तीन के कुछ आतंकियों ने एक इजरायली सैनिक मोशे तमाम का अपहरण कर हत्या कर दी थी। जिसके जवाब में इजरायली खुफिया एजेंसियों ने मध्य इजरायल के टीरा शहर की एक इजरायली अरबी वालिद डक्का को पकड़ा था। आतंकवाद की घटना में शामिल होने के कारण उसे कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। जेल में कैद के दौरान ही उसकी मुलाकात इजरायली अरबी महिला पत्रकार साना सलामा से हुई। उन दिनों साना फिलिस्तीनी कैदियों के जीवन के बारे में लिखती थीं, जिससे उनको बार-बार इजरायली जेलों में कैद फिलिस्तीनी आतंकियों से मिलना होता था। जेल में बंद वालिद डक्का ने 1999 में साना सलामा के साथ शादी कर ली थी। यह जोड़ा अपने लिए एक बच्चा पैदा करना चाहता था, लेकिन आतंकियों को वैवाहिक मुलाकात की अनुमति न होने के कारण उनकी यह चाहत सफल नहीं हो पा रही थी।
इजरायल के अधिकारियों को डर है कि अगर आतंकियों को वैवाहिक मुलाकात की अनुमति दी जाती है तो इसका गलत फायदा उठाया जा सकता है। उनका आरोप है कि ऐसी मुलाकातों का इस्तेमाल आतंकवादियों द्वारा हथियारों, धन और यहां तक कि ड्रग्स की तस्करी के लिए किया जा सकता है। इसी कारण इन आतंकवादियों ने स्पर्म की तस्करी के तरीके को ईजाद किया। माना जाता है कि 2012 में साना ही वह पहली महिला है, जो स्पर्म स्मगलिंग के जरिए गर्भवती हुई थीं। इसके बाद से 2018 तक 60 से अधिक फिलिस्तीनी आतंकियों की पत्नियों ने स्पर्म स्मगलिंग के जरिए अपने बच्चों को जन्म दिया। इन सभी महिलाओं के पति आतंकी घटनाओं में शामिल होने के कारण इजरायल की विभिन्न जेलों में कैद हैं।
 

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