
मॉस्को । जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर के मगरमच्छ सैटर्न को मरने के बाद रूस के एक संग्रहालय में प्रदर्शनी के लिए रखा जाएगा। मगरमच्छ की 22 मई 2020 को मॉस्को चिड़ियाघर में मौत हो गई थी। मगरमच्छ को द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जर्मनी में ब्रिटिश सैनिकों ने खोजा था। बाद में ब्रिटेन ने रूस की लाल सेना को सौंप दिया था। सैटर्न मगरमच्छ को रूसी सेना 1946 में सोवियत राजधानी लेकर पहुंची थी। जिसके बाद से मॉस्को के चिड़ियाघर का एक प्रमुख चेहरा बना हुआ था। इस मगरमच्छ की प्रसिद्धि बच्चों के बीच ज्यादा थी। हर दिन बड़ी संख्या में पर्यटक इस मगरमच्छ को देखने पहुंचते थे।
मरने के बाद मगरमच्छ की त्वचा को मॉस्को के डार्विन संग्रहालय को दान कर दी गई थी। जिसके बाद से इसकी खाल में भूसा भरकर इस प्रदर्शनी के लिए रखने की तैयारी हो रही है। इस समय मॉस्को में कोरोना के संक्रमण के कारण कई पाबंदिया लागू हैं। प्रसिद्ध रूसी लेखक बोरिस अकुनिन के अनुसार, यह मगरमच्छ नाजी जर्मनी के बर्लिन चिड़ियाघर में एक प्रमुख आकर्षण था। इसे तानाशाह हिटलर के पसंदीदा जानवरों में शुमार किया जाता था। मास्को चिड़ियाघर के पशु चिकित्सक दिमित्री वासिलीव ने भी दावा किया है कि हिटलर ने कई मौकों पर इस मगरमच्छ की प्रशंसा भी की है।