
वाशिंगटन । महामारी से निजात के लिए अमेरिका में कोरोना वैक्सीन को देशभर में पहुंचाने का काम शुरू हो चुका है और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति माइक पेंस से जुड़े व्हाइट हाउस में उनके कुछ अधिकारियों को इस सप्ताह की शुरुआत में कोरोना वायरस का टीका लगा दिया जाएगा, जबकि इसका सार्वजनिक वितरण स्वास्थ्य कर्मियों और नर्सिग होम एवं देखभाल केंद्रों में काम करने वाले लोगों तक ही सीमित होगा। वैक्सीन की लाखों खुराक को विमानों और ट्रकों के माध्यम से पहुंचाया जा रहा है। कार्गो कंपनी फेडएक्स और यूनाइटेड पार्सल सर्विस (यूपीएस) के विमान और ट्रक इस काम को अंजाम दे रहे हैं। केंटकी और टेनेसी जहां पर इन कंपनी का हब है, से वैक्सीन को भेजा जा रहा है।
इसके साथ ही अमेरिका में वैक्सीन के डिस्ट्रीब्यूशन और इसकी वैक्सीनेशन का काम भी काम शुरू हो जाएगा। अमेरिका में उठाए गए इस कदम के बाद लाखों लोगों की उम्मीदें एक बार फिर से जग उठी हैं। इस मामले की जानकारी रखने वाले दो अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की कि फाइजर का हाल में स्वीकृत टीका देश के शीर्ष निर्वाचित अधिकारियों के साथ काम करने वाले अधिकारियों को लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसका मकसद व्हाइट हाउस में कोरोना वायरस को फैलने से रोकना है। दोनों अधिकारियों ने अपनी पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर यह जानकारी दी। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि शुरुआत में कितने अधिकारियों को टीका लगाया जाएगा और क्या ट्रंप एवं पेंस को भी यह टीका लगाया जाएगा या नहीं।
गौरतलब है कि अमेरिका में बीते कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण के हर रोज दो लाख से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं, जो एक रिकॉर्ड है। बीते करीब 6-7 माह से ही अमेरिका दुनिया में सबसे अधिक कोरोना संक्रमण का शिकार है। केंटकी के गवर्नर एंडी बेशर ने सलाह दी है कि कोरोना का पहली वैक्सीन उनके ही राज्य में दी जानी चाहिए। यहां पर यूपीएस का बड़ा सेंटर भी है। वहीं टेनेसी में फेडएक्स का कार्गो हब है। एंडी ने एक ट्वीट कर कहा है कि हम वैक्सीन और इस वायरस को खत्म करने से केवल 24 घंटे की दूरी पर है। कल सुबह इसको देने की शुरुआत हो जाएगी। बता दें कि बीते शुक्रवार को ही अमेरिका में फाइजर ओर जर्मनी की कंपनी बायोएनटेक द्वारा विकसित की गई वैक्सीन को आपात सेवा में उपयोग के लिए हरी झंडी दी गई थी। इसके बाद ही कंपनी की तरफ से इसका डिस्ट्रीब्यूशन शुरू किया गया है। कार्गो के जरिए भेजे जाने के दौरान इन वैक्सीन को सुरक्षित बनाए रखने के सभी उपाय किए गए हैं। इन्हें बेहद कम तापमान में रखा गया है।