
रियो डी जेनेरियो । ब्राजील में एक नदी के किनारे हजारों की संख्या में साउथ अमेरिकन रिवर टर्टल्स की फौज दिखाई दी है। एक जगह पर इतनी बड़ी संख्या में कछुओं का वीडियो ब्राजील के वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन सोसाइटी ने जारी किया है। ये कछुए अमेजन नदी की सहायक प्यूर्स नदी के किनारे एक संरक्षित क्षेत्र में इकट्ठा हुए हैं। ये दक्षिणी अमेरिका में मीठे पानी के सबसे विशालकाए कछुए माने जाते हैं। वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन सोसाइटी ने बताया कि इस इलाके में साउथ अमेरिकन रिवर टर्टल्स हर साल प्रजनन के लिए आते हैं।
अंडों से बाहर निकलने में इन्हें महीनों का समय लगता है। जिसके बाद से ये रेतीले बालू के किनारों से निकलकर नदी की तरफ बढ़ते हैं। बताया जाता है कि यह सिलसिला कई दिनों तक जारी रहता है। हर दिन हजारों की संख्या में कछुए अपने अंडों से निकलकर ऐसे ही झुंडों में दिखाई देते हैं। इस संरक्षित इलाके में वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन सोसाइटी के सदस्य मादा वयस्क कछुओं की देखभाल करते हैं। इसके अलावा इन लुप्तप्राय प्रजातियों के प्रबंधन और संरक्षण को बेहतर बनाने के लिए कछुओं पर रिसर्च भी की जाती है। इस इलाके में आम लोगों का आना मना है। बता दें कि साउथ अमेरिकन रिवर टर्टल्स की आबादी मांस और अंडे की तस्करी से बुरी तरह प्रभावित हुई है।
वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन सोसाइटी की एक्वाटिक टर्टल स्पेशलिस्ट कैमिला फेरारा ने कहा कि ये विशालकाय साउथ अमेरिकन रिवर टर्टल्स का जन्म ऐसे ही होता है। लेकिन, यही इनके जीवन का सबसे नाजुक क्षण भी होता है। कुछ इलाकों में इन कछुओं ने अपनी प्रजाति को बचाने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। अपनी जीवन की यात्रा शुरू करने के दौरान ये कछुए एक साथ दिखाई देते हैं, लेकिन बाद में ये अलग हो जाएंगे। ब्राजील के अबुफारी बायोलॉजिकल रिजर्व में वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन सोसाइटी और आईसीएमबीआईओ मिलकर काम कर रही हैं। पूर्ण रूप से वयस्क होने के बाद इन कछुओं की लंबाई साढ़े तीन फीट और वजन 90 किलोग्राम से भी अधिक हो सकता है। अमेजन के जंगलों में ये कछुए बीजों को फैलाकर पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाते हैं। जिससे जंगल को पनपने में भी मदद मिलती है।