
बोस्टन । कोविड-19 के घातक वायरस की रोकथाम के लिए जारी प्रयासों के बीच अमेरिका के बोस्टन में एक डॉक्टर कोरोनारोधी वैक्सीन लगवाने के बाद एलर्जी का शिकार हो गया। डॉक्टर ने कोरोना वायरस से बचने के लिए मॉर्डना का वैक्सीन को लगवाया था। डॉ. हुसैन सद्रजादेह बोस्टन मेडिकल सेंटर में कैंसर स्पेशलिस्ट हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन लगवाने के तत्काल बाद मुझे बहुत ज्यादा एलर्जी शुरू हो गई। मुझे चक्कर आने लगा और मेरे हृदय की गति बहुत ज्यादा तेज हो गई। अमेरिका के चीफ साइंटिस्ट एडवाइज़र डॉक्टर मॉनसेफ स्लैवोई ने कहा है कि दूसरी वैक्सीन के मुकाबले फाइजर की वैक्सीन से लोगों को ज्यादा एलर्जी हो रही है। उनका कहना है कि जिन्हें ज्यादा एलर्जी हो रही है उन्हें इपीपेन दवाई दी जा रही है।
अमेरिका में मॉर्डना वैक्सीन लगवाने के बाद डॉक्टर पहले व्यक्ति हैं जिन्हें दिक्कत हुई। बोस्टर मेडिकल सेंटर के प्रवक्ता डेविड किब्बे ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि डॉ. सद्रजादेह ने मॉर्डना वैक्सीन लगवाने के बाद अपने शरीर पर एलर्जी के बतौर शरीर पर प्रतिक्रिया होते देखी। उन्हें इमरजेंसी डिपार्टमेंट में भर्ती किया गया और उनकी जांच की गई। डॉ. सद्रजादेह का इलाज किया गया और ठीक हो जाने पर उन्हें छुट्टी दे दी गई। वे अब अच्छा महसूस कर रहे हैं।
यूएस फूड एंड ड्रग एडमिन्स्ट्रेशन के अधिकारियों ने बताया कि पिछले सप्ताह एफडीए ने पाया कि वैक्सीन लगाने के बाद पांच व्यक्ति बीमार हो गए। दरअसल इन पांचों व्यक्तियों पर फाइजर इंक और बायोएनटेक की वैक्सीन लगवाने के बाद शरीर में एलर्जी शुरू हो गई। अमेरिका में इमरजेंसी एप्रूवल के तहत फाइज़र और मॉडर्ना की वैक्सीन की डोज लोगों को दी जा रही है। वहीं, ब्रिटेन में फाइजर और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लोगों को लगाई जा रही है। अमेरिका के चीफ साइंटिस्ट एडवाइज़र डॉक्टर मॉनसेफ स्लैवोई ने कहा है कि दूसरी वैक्सीन के मुकाबले फाइजर की वैक्सीन से लोगों को ज्यादा एलर्जी हो रही है। उनका कहना है कि जिन्हें ज्यादा एलर्जी हो रही है उन्हें इपीपेन दवाई दी जा रही है।