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ब्रिटेन में कोरोना का नया स्‍ट्रेन नियंत्रण से बाहर -ऑक्सफर्ड की वैक्‍सीन को कभी भी मिल सकती है मंजूरी

ब्रिटेन में कोरोना का नया स्‍ट्रेन नियंत्रण से बाहर -ऑक्सफर्ड की वैक्‍सीन को कभी भी मिल सकती है मंजूरी

लंदन। कोरोना वायरस के नए स्‍ट्रेन के विकराल रूप धारण करने बाद भी यूरोप के लोगों को ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वायरस वैक्‍सीन के लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। यूरोपीय निगरानी संस्‍था ने कहा है कि यह कोरोना वैक्‍सीन अभी यूरोप में मंजूरी के लिए तैयार नहीं है। उधर, ब्रिटेन और भारत में ऑक्सफर्ड की वैक्‍सीन को बहुत जल्‍द ही मंजूरी मिल सकती है। यूरोपीय मेडिसिन अथार्टी ने दावा किया है कि उसे अभी तक ऑक्सफर्ड की कोरोना वैक्‍सीन को आपातकालीन मंजूरी देने के लिए सभी आंकड़े नहीं मिले हैं। अथार्टी के के उप कार्यकारी निदेशक नोएल वेथियान ने कहा कि वे फरवरी से पहले इस वैक्‍सीन को मंजूरी नहीं दे सकते हैं। इस बीच ब्रिटेन के अधिकारी किसी भी समय ऑक्‍सफोर्ड की कोरोना वायरस वैक्‍सीन के इस्‍तेमाल को मंजूरी दे सकते हैं।
ब्रिटेन को उम्‍मीद है कि ऑक्सफर्ड की घरेलू वैक्‍सीन के आने से उन्‍हें नए साल पर इस महामारी से निपटने में काफी मदद मिलेगी। ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया स्‍ट्रेन आने के बाद यह महामारी अब बेकाबू हो गई है। हालत यह है कि अस्‍पताल भर गए हैं और टेंटों में लोगों का इलाज करना पड़ रहा है।
  ब्रिटेन ने पहले ही 10 करोड़ डोज का ऑर्डर दे रखा है। ऑक्‍सफर्ड की यह वैक्‍सीन काफी सस्‍ती है और इसे सामान्‍य फ्रिज में रखा जा सकता है जिससे इसे लगाना आसान है। अब तक ब्रिटेन में 6 लाख लोगों को फाइजर की कोरोना वैक्‍सीन लगाई जा चुकी है। इस बीच एस्ट्राजेनेका के सीईओ पास्कल सोरियट ने दावा किया है कि उनकी वैक्सीन कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के खिलाफ भी कारगर होगी। उनकी कंपनी ब्रिटेन की ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कोरोना वायरस की वैक्सीन बना रही है। कंपनी के सीईओ ने कहा कि कोरोना वायरस के अति संक्रमण वाले नए स्ट्रेन के खिलाफ भी उनकी वैक्सीन कारगर होनी चाहिए। भारत में ऑक्सफर्ड एस्ट्राजेनेका वैक्सीन ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ टाइअप किया है। माना जा रहा है कि इस वैक्सीन को गुरुवार तक ब्रिटिश सरकार की मंजूरी मिल जाएगी। जिसके बाद जल्द से जल्द लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। एस्ट्राजेनेका के सीईओ ने आश्वस्त करते हुए कहा कि उनकी वैक्सीन कोरोना के खिलाफ 100 फीसदी सुरक्षा उपलब्ध करवाएगी। उन्होंने कहा कि ट्रायल के नतीजों में उनकी वैक्सीन ने फाइजर-बायोएनटेक की 95 फीसदी और मॉडर्ना की 94.5 फीसदी के बराबर की प्रभावकारिता को पाया है। उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि दो खुराक के बाद कैसे प्रभावकारिता को पाया जा सकता है उसका फार्मूला हमने पा लिया है।
 

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