
दुबई । कतर के साथ वर्षों से चले आ रहे कूटनीतिक संकट को खत्म करने की दिशा में कदम उठाकर सऊदी अरब ने कतर के साथ लगने वाली जमीनी सीमा और हवाई क्षेत्र को खोलने का फैसला लिया है। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। सऊदी अरब, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन ने कतर पर इस्लामिक कट्टरपंथी समूहों को समर्थन देने का आरोप लगाकर उस पर प्रतिबंध लगा दिए थे, इसकारण इस छोटे से खाड़ी देश की एकमात्र जमीनी सीमा 2017 के मध्य से अधिकतर समय बंद ही रहती है। इन देशों को कतर के ईरान के साथ अच्छे संबंधों पर भी आपत्ति है। कतर दुग्ध उत्पादनों, निर्माण सामग्री तथा अन्य वस्तुओं की आपूर्ति के लिए सऊदी से लगने वाली सीमा पर निर्भर करता है। पिछले तीन साल से इस सीमा को कुछ समय के लिए खोला जाता है, ताकि कतर के लोग हज यात्रा पर सऊदी अरब जा सकें।
इस विवाद में मध्यस्थता कर रहे कुवैत के विदेश मंत्री ने इसकी बाबत घोषणा की। वह कथित तौर पर यह संदेश कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी को देने के लिए सोमवार को दोहा पहुंचे। खाड़ी के लिए सऊदी का यह फैसला अहम है, लेकिन सारे मतभेद दूर होने की अभी कोई संभावना नहीं है। अबु धाबी और दोहा के बीच के मतभेद सबसे ज्यादा गहरे हैं। वहीं यूएई और कतर के बीच विवाद विचारधाराओं को लेकर है। सऊदी अरब के इस फैसले से अब कतर के शासक मंगलवार को होने वाले खाड़ी देशों के सालाना सम्मेलन में शामिल हो सकते है। कतर की ओर से सोमवार को पुष्टि की गई कि शेख तमीम सम्मेलन में शामिल होने वाले है।